प्रेगनेंसी के दौरान करवा चौथ व्रत में बेबी मूवमेंट हो जाता है कम, जानें डॉ की सलाह

Aman Singh
Oct 19, 2024

सभी शादी-शुदा महिलाएं अपने पति के दीर्घायु और अच्छे सेहत के लिए करवा चौथ का व्रत करती हैं. करवा चौथ 20 अक्टूबर को है.

इस दिन पत्नी निर्जल व्रत रहती हैं, और सोलह श्रृंगार करके चांद को देखर अपना व्रत खोलती हैं.

Gynecologist डॉ अंजली गुप्ता ने प्रेगनेंट महिलाओं को करवा चौथ व्रत करने पर कुछ जानकारी साझा की है.

डॉ अंजली गुप्ता ने कहा कि अगर पहले से व्रत करने की आदत नहीं है, तो ऐसे गर्भवती महिला को चक्कर, कमजोरी, सोडियम पोटेशियम की कमी आ सकती है.

जब निर्जल व्रत करते हैं, तो इस दौरान यूरीन भी कंसंट्रेट हो जाता है. साथ जब फास्ट रखते हैं, तो ऐसे में कई पेसेंट बच्चा कम घूमने की शिकायत करते हैं.

इसलिए अगर फास्ट करने की जिन महिलाओं को आदत नहीं है, उन्हें करवा चौथ का फास्ट करने में परेशानी आ सकती है.

डॉ अंजली गुप्ता ने कहा कि इसके बावजूद भी जो महिलाएं व्रत रखना चाहती हैं, वो फल खाएं, नारियल पानी पिएं इससे उन्हें खाने की क्रेविंग कम आएगी.

शाम को एक बार पेसेंट कहानी करके खा सकते हैं, जिससे वो अपनी शरीर को उसके अनुसार अनुकूलित कर सकती हैं.

आगे डॉ अंजली गुप्ता ने कहा कि एक दिन के व्रत से बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई फर्क नहीं पड़ता है.

अगर इस दौरान पेसेंट को कोई समस्या होती है, तो तुरंत उन्हें ग्लुकोज़ दें और ORS पिलाएं.

प्रगेनेंट महिला को हेड लो पोजिशन में पेसेंट को लेटा दें. और महिला को इसके बाद व्रत तोड़ देना चाहिए.

पेसेंट गर्भवती है तो हमेशा उल्टे हाथ के करवट के साइड में हमेशा लेटाना चाहिए. और आस-पास के अस्पताल में ले जाएं, ताकि उनका इलाज हो सके.

ये जानकारी Gynecologist डॉ अंजली गुप्ता के द्वारा दी गई है. 'ज़ी राजस्थान' इस खबर से संबंधित किसी तथ्य की पुष्टि नहीं करता.

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