डॉक्टर मुर्गा

राजस्थान के भरतपुर में हर साल एक मेला लगता है. जहां मुर्गा डॉक्टर भी होता है और ओझा भी.

Zee Rajasthan Web Team
Jun 21, 2023

लग गया मेला

ये मेला हर साल जून महीने में हर सोमवार को लगता है.

सजा मुर्गा दरबार

मेले में आने वाले लोगों इसे चमत्कार मानते हैं. तो कुछ महज इस अधंविश्वास के खेल को देखने पहुंचते हैं.

अंधविश्वास की हद

इस मेले को कुआं वाला मेला कहा जाता है. जहां मुर्गों का दरबार है

मुंडन और नजर दोष

मेले में बच्चों का मुंडन होता है और नजरदोष का इलाज भी होता है.

मुर्गा और आशीर्वाद

पहले बच्चों का मुंडन होता है और फिर एक मुर्गे को बच्चे के सिर से घुमाकर उसका आशीर्वाद दिलाया जाता है.

मंहगा मुर्गा

मुर्गा दरअसल झाड़ फूंक कर रहा होता है, जो खरीदा भी बच्चे के मां बाप की तरफ से जाता है.

पुलिस की अनदेखी

जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास लगने वाले इस मेले में सैकड़ों लोग अपने छोटे बच्चों के साथ पहुंचते हैं.

पुरानी परंपरा

मुर्गे और मेले में विश्वास रखने वाले पहले मुर्गो खरीदते हैं और फिर ये क्रिया होती है.

मुर्गा बेचने वालों का फायदा

यानि की मुर्गा बेचने वाले इस एक महीने जमकर चांदी कूटते हैं. जितना बड़ा मुर्गा नजर भी उतनी ही उतरेगी और खर्च भी उतना ही होगा.

भरतपुर में मेला

मेले आने वाले लोग इसे कुआं वाली जात के नाम से पुकारते हैं.

जरूरी

यहां आने वाले लोग अपने बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए मुर्गे से आशीर्वाद लेते हैं.

इस लेख का मकसद अंदविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है. तस्वीरें देखें और अपने विवेक का इस्तेमाल करें. जिस मुर्गे को ये नहीं पता कि अगले ही पल वो किसकी थाली में सजा होगा. वो क्या किसी को आशीर्वाद देगा. अपने बच्चों की बीमारी के लिए किसी डॉक्टर से संपर्क करें ना की अपनी गाढ़ी कमाई को अंधविश्वास में फूंके )