खाटू श्याम जी से कैसे जुड़ा है एकादशी-द्वादशी का दिन

Sneha Aggarwal
Sep 16, 2024

मंदिर

राजस्थान की खाटू नगरी में बाबा श्याम का मंदिर है.

भक्तों की भारी भीड़

जलझूलनी एकादशी पर श्याम बाबा के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई.

सजाया

जलझूलनी एकादशी पर बाबा श्याम का हरे, लाल और गुलाबी सहित अनेक रंगों के फूलों से सजाया गया.

एकादशी-द्वादशी

ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि एकादशी-द्वादशी के दिन बाबा के दरबार में इतनी भीड़ क्यों रहती है.

श्याम बाबा का जन्म

जानकारी के अनुसार, श्याम बाबा का जन्म कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को हुआ था, इसे ग्यारस और एकादशी कहा जाता है.

ग्यारस

इसी के चलते हर महीने आने वाली ग्यारस श्याम भक्तों के लिए बहुत विशेष होती है.

व्रत

इस दिन श्याम भक्त खाटूश्याम जी का व्रत भी करते हैं.

द्वादशी

वहीं, द्वादशी को लेकर कहा जाता है कि इस दिन महाभारत के युद्ध के दौरान बाबा श्याम ने भगवान कृष्ण को अपना शीश दान किया था.

कलियुग

श्याम बाबा को कलियुग का देवता कहा जाता है.

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.

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