सिर्फ हिंदी और अंग्रेजी ही नहीं, बापू को थी कुल इतनी भाषाओं की समझ!

Zee Rajasthan Web Team
Oct 01, 2024

बापू की 155वीं जयंती

इस साल 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती मनाई जाएगी.

राष्ट्रपिता

महात्मा गांधी को पूरा देश राष्ट्रपिता के रूप में जानता है और उन्हें प्यार से बापू भी कहा जाता है.

गांधीजी को कितनी भाषाएं आती थीं

गांधी जयंती के मौके पर आइए जानते हैं कि महात्मा गांधी की कितनी भाषाओं की जानकारी थी.

इन भाषाओं में होनी चाहिए शिक्षा

गांधीजी ने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि भारत की उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम मातृभाषा के अलावा संस्कृत, फारसी, अरबी और अंग्रेजी भाषा में होने चाहिए.

भाषाओं की संख्या

गांधीजी का मानना था कि एक आम आदमी को भाषाओं की इतनी बड़ी संख्या से नहीं डरना चाहिए.

मातृभाषा गुजराती

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि गांधीजी का जन्म गुजरात में हुआ था. लिहाजा उन्हें बचपन से ही उनकी मातृभाषा गुजराती आती थी.

बोलना और लिखना

इसके अलावा गांधीजी हिंदी और अंग्रेजी भाषा बोलना और लिखना भी बहुत अच्छे से जानते थे. संस्कृत उन्होंने बचपन की शिक्षा के दौरान सीखा था.

दक्षिण अफ्रीका में सीखी थी उर्दू

वहीं, दक्षिण अफ्रीका में मुसलमानों के साथ काम करते हुए उन्होंने उर्दू सीखी थी, जबकि मद्रास में सत्याग्रह के दौरान साउथ इंडिया की कुछ भाषाएं भी सीखी थीं.

इन भाषाओं की थी समझ

रिपोर्ट्स की मानें, तो बापू को इन भाषाओं के अलावा मराठी, तमिल और लैटिन भाषाओं की अच्छी खासी समझ थी.

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