कभी बस नहीं पाए राजस्थान के ये दो गांव

Sneha Aggarwal
May 16, 2024

जैसलमेर

जैसलमेर के कुलधरा गांव की कहानी करीब 200 साल पुरानी है, जो सालों से वीरान पड़ है.

ब्राह्मण

इससे पहले ये गांव वीरान नहीं होते थे, बल्कि आसपास के 84 गांव पालीवाल ब्राह्मणों से आबाद था.

रियासत

इसके बाद इस गांव को रियासत का दीवान सालम सिंह नामक शख्स की बुरी नजर लग गई.

बुरी नजर

कथाओं के मुताबिक, इस गांव की एक लड़की पर दीवान सालम सिंह की बुरी नजर थी.

पागल

दीवान सालम सिंह उस लड़की के पीछे इस तरह पागल था कि उसे किसी कीमत पर पाना चाहता था.

दबाव

उस लड़की को पाने के लिए उसने ब्राह्मण पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. वहीं, उस दीवान ने लड़की के घर संदेश भिजवा दिया.

हमला

उसमें लिखा कि यदि पूर्णमासी तक उसे लड़की नहीं मिली तो वह गांव पर हमला कर देगा और उस लड़की को उठा ले जाएगा.

लड़ाई

वहीं, दीवान और गांववालों के बीच लड़ाई हुई. इसके बाद 5 हजार से अधिक गांव के परिवारों ने अपने सम्मान के लिए छोड़ने का फैसला लिया.

वीरान

इसके बाद सभी 84 गांव वाले एक मंदिर पर इकट्ठे हो गए और इसके बाद अगली शाम कुलधरा वीरान हो गया.

श्राप

जाते-जाते गांववालों ने इस जगह को श्राप दिया. इसके बाद कुलधरा और खाभा आजतक नहीं बस पाया है.

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