राजस्थान के इस गांव में है फौजियों की खान

Aman Singh
Aug 16, 2024

हम पापड़ा गांव की बात कर रहे हैं.

काटली नदी के मध्यम में बसा पापड़ा गांव उदयपुरवाटी उपखण्ड से 40 किमी व नीमकाथाना जिले से 10 किमी दूरी पर स्थित है.

इस गांव के बेटे सेना में सिपाही से लेकर ब्रिगेडियर व कर्नल तक के उच्च पद पर आसीन है

भारत-पाकिस्तान की 1948 की लड़ाई में 11 फरवरी 1948 को पापड़ा गांव के निवासी लादूराम जितरवाल शहीद हुए. शाहिद लादूराम जितरवाल को सेना ने वीरचक्र से सम्मानित किया था.

1971 व करगिल युद्ध में भी पापड़ा गांव के बेटों ने अपना जलवा दिखाया.

पहाड़ी क्षेत्र के गांव पापड़ा के बेटे सेना में ब्रिगेडियर व कर्नल पद पर तैनात हैं. गांव के भानूप्रतापसिंह ब्रिगेडियर के पद तक पहुंचे.

पापड़ा गांव की बेटी मोहना सिंह देश की पहली सेना की लड़ाकू विमान चालक बनीं.

मोहना सिंह सहित गांव की अन्य बेटियां भी देश सेवा में आगे हैं.

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