राजस्थान का वो समाज, जो पितृ तर्पण कर लगते हैं नाचने-गाने!

Sneha Aggarwal
Sep 03, 2024

अस्थियां विसर्जन

राजस्थान के माउंट आबू में दूर-दूर से लोग पितरों की अस्थियां विसर्जन करने आते हैं.

दूसरी जगह

यहां राजस्थान के अलावा दूसरी जगहों के आदिवासी लोग आते हैं.

पितृ तर्पण

इस दौरान ये लोग पितृ तर्पण करते हैं, उसके बाद युवक-युवतियां नाचने गाने लग जाते हैं.

शादी

शोक मिटने के बाद युवक-युवतियों के संबंध तय हो जाते हैं और उसके बाद उन दोनों की शादी करवा दी जाती है.

पवित्र

माउंट आबू की नक्की झील को आदिवासी समाज के लोग पुष्कर और गंगा की तरह पवित्र मानते हैं.

आदिवासी लोग

बुद्ध पूर्णिमा के दिन यहां आदिवासी लोग आते हैं और पितृ तर्पण करते हैं.

पितृ तर्पण

आदिवासी समाज में महिलाएं भी अपने परिजनों का पितृ तर्पण करती हैं. बुद्ध पूर्णिमा के दिन नक्की झील के पास मेला लगता है. यहां युवक-युवती सज-धजकर आती हैं.

पार्टनर की तलाश

यहां लड़का-लड़की अपने पार्टनर को तलाश करने आते हैं. पार्टनर पसंद आने के बाद दोनों भाग जाते हैं. उसके बाद इनकी शादी करवाई जाती है.

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.

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