इस महिने में लोग शिव जी को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह से पूजन अर्चना और बेल पत्र जरूर चढ़ाते हैं.
तो चलिए जानें बेल पत्र के प्रकार के बारे में
अक्सर महादेव की पूजा में तीन पत्तियों वाले बेल पत्र का उपयोग किया जाता है.
शास्त्रों में यह कहा गया है कि 1 या 2 पत्ती वाले बेल पत्र शिव लिंग पर नहीं चढ़ाई जाती.
लेकिन क्या आप जानती हैं 3 पत्तियों के अलावा बेल के पत्र में और भी ज्यादा पत्ते होते हैं.
कितने तरह के होते हैं बेलपत्र
वैसे तो 4,5,6 और 7 पत्तियों वाले बेल पत्र आपको किसी पेड़ में आसानी से मिल सकते हैं, लेकिन ग्यारह और इक्कीस पत्तियों वाले बेल पत्र बेहद ही दुर्लभ माने गए हैं.
शिवपुराण के अनुसार
शिवपुराण में बेल के पत्र, फूल, फल, पेड़, लकड़ी और जड़ सभी चीजों का विशेष महत्व बताया गया है. यह सभी चीजें भगवान शिव के पूजा में इस्तेमाल तो होती ही हैं साथ ही, दूसरे देवी-देवताओं के पूजन में भी बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं.
कैसे चढ़ाएं 5,7,11, और 25 पत्ते
यदि आपको सौभाग्य से 5,7,11, और 25 पत्ते वाला बेल पत्र मिल जाता है, तो आपको इसे शिव जी पर चढ़ाने से पहले, गंगा जल से इसे शुद्ध कर लें. अब इसमें चंदन से सीता राम या राम-राम लिखें और शिव जी को अपनी कामना करते हुए अर्पित करें.
शिव जी को बेल का पत्ता जल बहुत प्रिय
माना जाता है कि शिव जी को बेल का पत्ताऔर एक लोटा जल बहुत प्रिय है ऐसे में आप यदि अपनी कामना कहते हुए एक लोटा जल और बेलपत्र चढ़ाते हैं, तो शिव जी आपकी मनोकामना पूरी करते हैं.