जान बचाने वाले सगे भाई को ही औरंगजेब ने दी बेरहम मौत, जानें क्यों
Sandhya Yadav
Oct 07, 2023
मुगलों का राज
जब भी कभी आप इतिहास उठाकर पढ़ते हैं तो उसमें मुगलों का राज जरूर पढ़ते हैं. भारत की धन संपदा और अकूत संपत्ति देखकर यहां पर कई बाहरी लोगों ने आक्रमण किया और यहां पर सालों साल राज किया.
300 साल राज
कहते हैं कि भारत में करीब 300 सालों तक मुगलों ने राज किया और यहां पर जमकर अपना शासन चलाया.
सगे भाई की हत्या
इतिहास उठाकर देखा जाता है तो 30 अगस्त को तख्त-ओ-ताज के लिए एक भाई ने दूसरे भाई की हत्या तक कर दी थी. यह हत्या किसी और ने नहीं बल्कि औरंगजेब ने कराई थी.
औरंगजेब क्रूर शासक
मुगलों का इतिहास जब भी पढ़ा जाता है तो उसमें औरंगजेब का नाम सबसे क्रूर शासकों में सबसे पहले आता है.
दारा शिकोह की हत्या
जानकारी के मुताबिक शाहजहां के सबसे बड़े बेटे दारा शिकोह की 1659 में 30 अगस्त के ही दिन अपने ही छोटे भाई औरंगजेब ने हत्या करवा दी थी.
दारा शिकोह बना उत्तराधिकारी
दरअसल, 1633 में शाहजहां ने दारा शिकोह का अपना उत्तराधिकारी बना दिया था. यह बात दारा के अन्य भाइयों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आई थी.
शहजादों की परीक्षा
इतिहासकारों की माने तो शौर्य को दिखाने के लिए बादशाह समय-समय पर अपने शहजादों यानी कि बेटों की परीक्षा लिया करता था.
औरंगजेब और हाथी
इस दौरान एक बार औरंगजेब को एक हाथी से लड़ाई करनी थी. औरंगजेब जब हाथी से भिड़ रहा था तो इस समय हाथी बिदक गया था.
भड़क गया था हाथी
अपनी जान को बचाने के लिए औरंगजेब ने अपनी तलवार निकाली और हाथी पर हमला कर दिया. ऐसे में भड़के हुए हाथी ने औरंगजेब के घोड़े को कुचलकर मार डाला.
दारा शिकोह ने उठाया कदम
हाथी का गुस्सा देखकर लग रहा था औरंगजेब बच नहीं पाएगा. वहीं, छोटे भाई औरंगजेब को परेशान देख दारा शिकोह ने उसकी जान बचाने का फैसला किया और हाथी के सामने भिड़ गया.
औरंगजेब की जान बचाई
दारा शिकोह ने अपने हाथ में मशाल ली और हाथी का ध्यान भटकने की कोशिश की और काफी कामयाब भी हो गया. औरंगजेब की जान बच गई.
दारा शिकोह की हत्या
लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि जब शाहजहां बीमार पड़ा तो औरंगजेब ने दिल्ली का शासन हथियाने के लिए दारा शिकोह की हत्या करवा दी.