कलयुग में दिया गया श्राप लगेगा कि नहीं, जानें सच्चाई

युगों का महत्व

पौराणिक शास्त्रों में हर एक युग का अपना अलग-अलग महत्व बताया गया है.

घोर पाप

ऐसा कहा जाता है कि जितना पाप कलयुग में है, उतना किसी भी युग में नहीं रहा.

भयंकर पापी लोग

कलयुग में सबसे ज्यादा भयंकर पापी लोग हैं.

भगवान ने लिए अवतार

अभी तक जितने युग हुए हैं, उनमें स्वयं भगवान ने अवतार लेकर के पापियों का उद्धार किया है.

अपमान में देते थे श्राप

बीते युगों में अगर किसी से कोई अपराध हो जाता था तो ऋषि मुनि अपने अपमान में भी सामने वाले को श्राप दे दिया करते थे.

आजीवन कष्ट

अगर किसी ने किसी के साथ गलत किया तो भी वह श्राप दे देता था, जिसका परिणाम उसे आजीवन भुगतना पड़ता था.

श्रापित व्यक्ति का उद्धार

जब तक स्वयं भगवान नहीं चाहते थे तब तक उसे श्रापित व्यक्ति का उद्धार नहीं होता था.

श्राप का महत्व नहीं

लेकिन आज कलयुग का समय है, ऐसे में ना तो श्राप का महत्व रह गया है और ना ही श्राप में विश्वास.

श्राप देना उचित नहीं

विष्णु पुराण के अनुसार, कलयुग में किसी को भी श्राप देना उचित नहीं है.

हर शख्स गलत

विष्णु पुराण के मुताबिक, कलयुग में कोई भी इंसान उत्तम नहीं है यानी कि हर कोई कहीं ना कहीं पर गलत है.

दूसरों को चोट पहुंचाई

विष्णु पुराण के मुताबिक हर मनुष्य ने कभी ना कभी मन, वचन, कर्म से किसी न किसी को किसी तरह से चोट तो अवश्य पहुंचाई है.

श्राप का असर नहीं

इसके कारण कलयुग में किसी के ऊपर श्राप का असर जरा सा भी नहीं होता है.

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