राई का समाज जोधपुर में राय का बाग रेलवे स्टेशन का नाम वापस पाने की मांग कर रहा है.
जो पहले उनके पूर्वज आसुराम राईका के नाम पर था.
नाराज समाज ने विरोध प्रदर्शन किया और आंदोलन की धमकी दी है.
राई का समाज का आरोप है कि राई का शब्द को खंडित करते हुए. राईका बाग किया गया है.
आज राई का समाज के सैकड़ो लोग विरोध दर्ज कराने के लिए सड़कों पर उतर गए.
राई का समाज के लोग सैकड़ों की तादाद में एयरसेल मेडिकल कॉलेज के पास स्थित महात्मा गांधी जी की मूर्ति के पास इकट्ठा होकर सरकार तक अपनी पीड़ा पहुंचाने के लिए रैली निकाली.
राई का बाग रेलवे स्टेशन उसका नाम बदलने के बाद से ही करीब 2 साल से राई का समाज आंदोलन रत हैं.
इस समाज की कोई सुनवाई जिला प्रशासन, रेलवे प्रशासन और राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार नहीं कर रही है.
राई का समाज के नेताओं ने कहा कि राजकालीन व्यवस्था के दौरान आसुराम राइका की सेवा भावना के कारण उनका उच्च जमीन देकर सम्मानित किया था.
बाद में उच्च स्थान जसवंत सिंह की रानी में जमीन पसंद आने पर आसुराम राय का से जमीन ली और उस पर बने बाग का नाम राई का बाग रखा.
वर्षों से चल रही परंपरा को कुछ साल पहले न जाने किसके सहारे पर या मानव भूल से राई का बाग रेलवे स्टेशन जंक्शन की बजाय राईका बाग स्टेशन कर दिया गया.
जबकि रेलवे टिकट और रेलवे की ऑनलाइन पर अभी भी राई का बाग जंक्शन लिखा गया है.
राईका बाग को राई का बाग बनाने की मांग को लेकर पूरे प्रदेश से हजारों राय का समाज बंधुओं ने आज अपने परंपरागत वेशभूषा में शामिल होकर प्रदर्शन कर रहे.