दुर्गा पूजा में जीभ निकालकर क्यों नाचते हैं लोग ?

Pratiksha Maurya
Oct 05, 2024

पारंपरिक नृत्य

जीभ निकालकर नाचना एक पारंपरिक नृत्य है जो पीढ़ियों से चला आ रहा है.

सांस्कृतिक परंपरा

यह नृत्य सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है और समुदाय की एकता को दर्शाता है.

दुर्गा पूजा

यह नृत्य मुख्य रूप से बंगाल और ओडिशा में दुर्गा पूजा के अवसर पर किया जाता है.

देवी दुर्गा की आराधना

जीभ निकालकर नाचना देवी दुर्गा की आराधना और पूजा का एक तरीका है. यह नृत्य देवी की शक्ति और उनकी विजय का प्रतीक है.

भक्ति और समर्पण

जीभ निकालकर नाचना भक्तों की ओर से देवी के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रदर्शन है.

मान्यता

भक्तों का मानना है कि इस तरह का नृत्य उन्हें देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है

मानसिक शांति

कुछ भक्त इसे मानसिक शांति और ध्यान का एक साधन मानते हैं.

पौराणिक कथा

एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया, तो उनके भक्तों ने जीभ निकालकर नाचकर उनकी विजय का जश्न मनाया.

यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. Zee Rajasthan इसकी पुष्टि नहीं करता.

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