जयपुर: आज भारतीय अंगदान दिवस है.इस मौके पर राजधानी जयपुर में अंगदान को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये.इस दौरान अंगदान के लिए काम करने वाली संस्था मोहन फाउंडेशन की तरफ से स्कूली बच्चों ने मानव श्रंखला बनाकर और नुक्कड़ नाटक के जरिये लोगों से अंगदान को लेकर अपील की .दरअसल भारत में अंगदान को लेकर जागरूकता की बेहद कमी है जिसके चलते अंगदान का प्रतिशत हमारे देश में काफी नीचे है.
भारत में 10 लाख़ लोगों में से महज़ 0.65% लोग ही अंगदान करते है.कम जागरूकता और अंधविश्वास जैसी अड़चन के चलते ये प्रतिशत भारत में बढ़ नहीं रहा है.भारत में से गंभीर स्थिति हार्ट ट्रांसप्लांट की है. एक साल में जहां 10,000 मरीज़ों को इसकी ज़रूरत होती है,वहीं 150-200 मरीज़ों का ही हार्ट ट्रांसप्लांट हो पाता है.भारत में अंगदान का औसत भले ही नग्णय हो लेकिन स्पेन में 10 लाख़ में से 48 प्रतिशत,अमेरिका में 33.32 प्रतिशत और ब्रिटेन में 24.52 प्रतिशत लोग अंगदान करते हैं.
देश में सालाना 1.5 से दो लाख़ मरीज़ों को किडनी ट्रांसप्लांट की दरकार होती है लेकिन महज़ 7500 से 8000 मरीज़ों को ही किडनी मिल पाती है. 75 से 80 हज़ार मरीज़ों को लीवर ट्रांसप्लांट की दरकार होती है, लेकिन महज़ 1800 मरीज़ों को ही लीवर मिल पाता है. इस अवधि में एक लाख़ लोगों को कॉर्निया के ट्रांसप्लांट की दरकार होती है, लेकिन आधों को ही यह मिल पाता है.
Indian Organ Donation Day
भारत में अंगदान को लेकर जागरूकता की कमी क्यों है - 10 लाख़ लोगों में से महज़ 0.65% लोग ही करते है अंगदान
भारत में 10 लाख़ लोगों में से महज़ 0.65% लोग ही करते है अंगदान

भारत में 10 लाख़ लोगों में से महज़ 0.65% लोग ही करते है अंगदान