दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच किसान यूनियनों ने सरकार का बातचीत का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. इसके बाद सरकार की तरफ से इस मसले का हल निकलने की उम्मीद जताई जा रही है.
Trending Photos
नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmers Protes) के बीच किसान यूनियनों ने सरकार से बातचीत का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. किसानों द्वारा बातचीत का प्रस्ताव स्वीकार किए जाने पर कृषि राज्य मंत्री ने इस मसले का हल निकलने की उम्मीद जताई है. कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है, '29 तारीख को अगर किसान अपने मन से बातचीत करेंगे तो निश्चित रूप से हल निकलेगा. उन्होंने कहा, राजनीतिक लोग किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर निशाना साधना चाहते हैं.
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी (Kailash Choudhary) ने आरोप लगाया कि कांग्रेस (Congress) और वामपंथी (Left) लोग किसानों की समस्या का हल नहीं निकलने देना चाहते. उन्होंने कहा, 'अन्नदाता तो निश्चित रूप से बढ़ता चला जाएगा लेकिन राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की नजरों से आगे नहीं बढ़ेगा क्योंकि राहुल गांधी तो आग में घी डालने और भड़काने का काम कर रहे हैं. देश की जनता ने उनको नकार दिया है.'
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ से कहा है कि, 'जब भी देश में व्यापक सुधार हुए हैं उनका असर दिखने में थोड़ा समय लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कृषि क्षेत्र में सुधार की शुरुआत की है, मैं किसान भाईयों से अपील करता हूं कि कम से कम डेढ़-दो साल इन कृषि सुधारों के असर को देख लीजिए. ये दुष्प्रचार किया गया है कि किसानों की जमीन कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से छीन ली जाएगी, कोई भी मां का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता है. ये मुकम्मल व्यवस्था कृषि कानूनों में की गई है.'
राजनाथ सिंह ने कहा, एमएसपी (MSP) खत्म करने का इरादा इस सरकार का न तो कभी था, न है और न रहेगा. मंडी व्यवस्था भी कायम रहेगी. उन्होंने कहा, ऐतिहासिक कृषि सुधार से उन लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई है जो लोग किसानों के नाम पर अपने निहित स्वार्थ साधते थे. उनका धंधा खत्म हो जायेगा इसलिए जानबूझ कर देश के कुछ हिस्सों में एक गलतफहमी पैदा की जा रही है कि हमारी सरकार MSP की व्यवस्था खत्म करना चाहती है.
LIVE TV