भारत-चीन डोकलाम विवाद पर बोले राजनाथ सिंह, 'हम युद्ध नहीं शांति चाहते हैं'
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भारत-चीन डोकलाम विवाद पर बोले राजनाथ सिंह, 'हम युद्ध नहीं शांति चाहते हैं'

भारत ने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया और न ही उसकी अपनी सीमाओं के विस्तार की अभिलाषा है. सुरक्षा बल (सीमा पर) किसी भी स्थिति का मुकाबला करने के लिए सक्षम हैं.

डोकलाम में जारी गतिरोध को 'शीघ्र ही सुलझा लिया जाएगा.' उन्होेंने कहा, "हम युद्ध नहीं, शांति चाहते हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत ने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया और देश की अपनी सीमाओं में विस्तार की कोई अभिलाषा नहीं है. राजनाथ ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा, "भारत ने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया और न ही उसकी अपनी सीमाओं के विस्तार की अभिलाषा है. सुरक्षा बल (सीमा पर) किसी भी स्थिति का मुकाबला करने के लिए सक्षम हैं." राजनाथ ने कहा कि भारत और चीन के बीच डोकलाम में जारी गतिरोध को 'शीघ्र ही सुलझा लिया जाएगा.' उन्होंने कहा, "हम युद्ध नहीं, शांति चाहते हैं."

जापान ने किया भारत का समर्थन

गौरतलब है कि इससे पहले डोकलाम विवाद पर चीन ने शुक्रवार को जापान को फटकार लगाते हुए कहा था कि वह चीन, भारत सीमा विवाद पर 'बिना सोचे-समझे' बयानबाजी करने से बाज आए. यदि वह इस मुद्दे पर भारत का समर्थन करना चाहता है, ऐसी स्थिति में भी वह इस तरह की अनर्गल बयानबाजी से बचे. बता दें कि जापान ने डोकलाम विवाद पर भारत का समर्थन किया है. भारत में जापान के राजदूत केन्जी हिरामात्सू ने कहा कि यह क्षेत्र विवादित है और जापान समझता है कि भारत इस विवाद में क्यों उलझा है.

चीन ने कही ये बात

वहीं चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, "हमें पता चला है कि भारत में जापान के राजदूत इस विवाद पर भारत का समर्थन करना चाहते हैं. मैं उन्हें याद दिलाना चाहती हूं कि वह संबद्ध तथ्यों को स्पष्टता से समझे बिना इस तरह की अनर्गल बयानबाजी नहीं करें."

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