राज्य सभा से निलंबित सभी 8 सांसदों का धरना खत्म, विपक्ष ने किया सत्र का बहिष्कार
राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि जब तक उच्च सदन के आठ सदस्यों का मानसून सत्र की शेष अवधि से निलंबन वापस नहीं लिया जाता तब तक विपक्ष कार्यवाही का बहिष्कार करेगा.
नई दिल्ली: राज्यसभा में मंगलवार को विपक्षी दलों के 8 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर तकरार जारी है. विपक्ष ने सभापति के फैसले का विरोध किया है. राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक उच्च सदन के आठ सदस्यों का मानसून सत्र की शेष अवधि से निलंबन वापस नहीं लिया जाता तब तक विपक्ष कार्यवाही का बहिष्कार करेगा. कई विपक्षों दल कांग्रेस की इस मांग पर उसके साथ आ गए हैं. जानिए इस बड़ी खबर का पल-पल का अपडेट:
- राज्य सभा से निलंबित सभी 8 सांसदों का धरना खत्म. उनका कहना है कि विपक्ष ने राज्यसभा में बहिष्कार का फैसला लिया है तो इस धरने के कोई मतलब नही रह गया है.
- राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश ने कृषि बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष के सांसदों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है.
- समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा, 'मैं सदन का वरिष्ठ सदस्य हूं. मैंने जो कुछ भी सदन में हुआ था, उसके लिए माफी भी मांगी थी लेकिन मुझे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. मैंने इससे खुद को बहुत अपमानित महसूस किया. मेरी पार्टी ने इस पूरे सत्र का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.'
- राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि जब तक उच्च सदन के आठ सदस्यों का मानसून सत्र की शेष अवधि से निलंबन वापस नहीं लिया जाता तब तक विपक्ष कार्यवाही का बहिष्कार करेगा. शून्यकाल के बाद आजाद ने उच्च सदन में यह भी मांग की कि सरकार को ऐसा विधेयक लाना चाहिए जो यह सुनिश्चित करे कि निजी कंपनियां सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम में किसानों का अनाज न खरीदे.
- आजाद ने सरकार से कहा कि सरकार को स्वामीनाथन फार्मूले के अनुसार, समय समय पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करते रहना चाहिए. आजाद ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार के अंतर तालमेल का अभाव है. एक दिन पहले ही कृषि विधेयकों पर पूरी चर्चा एमएसपी पर केंद्रित रही और उसके एक दिन बाद सरकार ने कई फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा कर दी.
- राज्य सभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा, 'मैं सदस्यों के निलंबन से खुश नहीं हूं. यह कार्रवाई उनके आचरण के चलते की गई है. हम किसी भी सदस्य के खिलाफ नहीं है. हम विपक्ष के सदस्यों से अपने निर्णय पर विचार करने, आत्मचिंतन करने और सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की अपील करते हैं.'
गौरतलब है कि रविवार को सदन में अमर्यादित आचरण करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और आप के संजय सिंह सहित विपक्ष के आठ सदस्यों को सोमवार को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया. संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने रविवार को कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान हुए हंगामे में असंसदीय आचरण को लेकर विपक्ष के आठ
सदस्यों को मौजूदा सत्र के शेष समय के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव कल पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी.निलंबित किए गए सदस्यों में कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, तृणमूल के ब्रायन और डोला सेन, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम व आप के संजय सिंह शामिल हैं.
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