one seat reserve in plane for doctors: आप सबने कई बार यह सुना होगा कि प्लेन में मौजूद डॉक्टर यात्री ने किसी साथ में सफर करने वाले यात्री की जान बचा ली, आज के समय में जब आए दिन लोग बीमार हो रहे हैं, सभी को चिंता होती है कि अगर सफर के दौरान तवियत खराब हो गई तो क्या होगा. इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए राज्यसभा सांसद ने सरकार से प्लेन में डॉक्टर के लिए सीट रिजर्व करने की मांग की है. जानें पूरी खबर.
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Seat reserve in plane for doctors: वैसे तो हवाई जहाज में कोई डॉक्टर नही होता, केबिन क्रू के सहारे सफर तय होता है, हर प्लेन में आवश्यक इमरजेंसी दवाइयां होती है. अगर कोई डॉक्टर उस जहाज में यात्रा कर रहा हो तो जरूरत पड़ने पास उसकी सहायता ली जाती है. लेकिन मान लो अगर प्लेन में काई डॉक्टर न हो तो फिर आप मौजूद दवाई के सहारे बीमार होने पर काम चलाएंगे. यानी प्लेन में डॉक्टर होना जरूरी है. इसी जरूरत को पूरा करने के लिए अब सरकार से एक राज्यसभा सांसद ने ऐसी मांग की है कि जो प्लेन में यात्रियों के लिए बहुत फायदा करेगा. जानें पूरी खबर.
बीजेपी सांसद ने की मांग
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का आज 10वां दिन है. राज्यसभा में मंगलवार को सदन में विमानों में एक सीट डॉक्टर के लिए आरक्षित किए जाने का मुद्दा उठाया गया और सरकार से इस ओर तत्काल ध्यान देने की मांग की गई.भाजपा की डॉ कल्पना सैनी ने मांग की कि हर विमान में एक सीट चिकित्सक के लिए आरक्षित की जानी चाहिए जो आपात स्थिति में सेवा देने के लिए तैयार हो. उन्होंने कहा कि ब्लड शुगर, हार्ट अटैक, बीपी जैसी स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जटिलताएं तथा आपात स्थिति होने पर चिकित्सक की जरूरत होती हे.
प्लेन में डॉक्टर को मिले एक सीट
कल्पना ने कहा इस मामले को उठाते हुए कुछ सुझाव भी दिया और बताया कि अगर उड़ान के ठीक पहले तक यह सीट न बुक हो तो फिर यह यात्री को दी जा सकती है ताकि एयरलाइन को आर्थिक नुकसान न हो. इसके साथ ही चिकित्सा किट की व्यवस्था भी जरूरी है. उन्होंने दावा किया कि यह कदम उठाने पर लोग सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे और एयरलाइन भी अधिक विश्वसनीय बन सकेगी.
राज्यसभा में कई सदस्यों ने उठाए कई सारे मुद्दे
इसके साथ ही राज्यसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने कोचिंग केंद्रों में शिक्षा के नाम पर हो रहे कथित व्यापार, असम के दीमा हसाओ के उमरंगसो में हाल ही में हुई खदान दुर्घटना, बिहार के सीवान में एक बालिका आश्रय गृह से 13 लड़कियों के कथित तौर पर चले जाने का मुद्दा उठाया. इसी के साथ बीजेपी के एक सांसद ने कोचिंग चलाने को लेकर भी सरकार से नियम बनाने की मांग की.
कोचिंग चलाने के लिए बने नियम-कानून
भारतीय जनता पार्टी के संजय सेठ ने कोचिंग केंद्रों का मुद्दा उठाते हुए उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान कहा कि इन केंद्रों में शिक्षा के नाम पर कारोबार हो रहा है और विद्यार्थियों से उनके सपने सच करने का वादा कर मनमाना पैसा लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर कोचिंग केंद्र वे लोग चला रहे हैं जिनके अपने सपने पूरे नहीं हो पाए. उन्होंने कहा कि कोचिंग केंद्र समुचित नियमन के अभाव में अपनी नियमावली स्वयं तैयार करते हैं और प्रतिस्पर्धा के इस दौर में विद्यार्थी उनके शिकंजे में फंस जाते हैं. सेठ ने सरकार से कोचिंग केंद्रों के नियमन के लिए शीघ्र कदम उठाने का अनुरोध किया.