तीन दिन तक चलने वाले इस उत्सव में देश-विदेश के 250 से अधिक शख्सियत शिरकत करेंगी.
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नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में आज से 3 दिवसीय 'अर्थ' सांस्कृतिक उत्सव की शुरुआत हुई. 'अर्थ' फेस्टिवल का उद्घाटन केन्द्रीय संस्कृति मंत्री डॉ महेश शर्मा और राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा ने किया. इस मौके पर अर्थ कल्चर फेस्टिवल की संस्थापक श्रेयसी गोयनका भी मौजूद थीं. देश के वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने भी ARTH फेस्टिवल के चाणक्य एडिशन में हिस्सा लिया.
अर्थ कल्चर फेस्टिवल में भारतीय संस्कृति, कला, इतिहास, रीति-रिवाज़ से युवा पीढ़ी को परिचित कराना और प्राचीन भारत से आधुनिक युग को कनेक्ट करने की कोशिश होगी. अर्थ भारतीय संस्कृति को सहेजने व जानने का सबसे बड़ा मंच बन चुका है. इस कल्चर फेस्टिवल की संस्थापक श्रेयसी गोयनका ने Zee News से बातचीत में कहा कि पूरे देशभर से कलाकारों को बुलाया जा रहा है और युवाओं को एक ऐसा मौका दिया जा रहा है कि वो भारत को समझें.
राज्यसभा सांसद डॉ सुभाष चंद्रा ने अर्थ फेस्टिवल को 'वसुधैव कुटुम्बकम' का एक स्रोत बताया और कहा कि ये भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा मंच है. इस मौके पर डॉ चंद्रा ने धार्मिक कैपेटिलज़्म पर भी अपने विचार व्यक्त किए.
डॉ चंद्रा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "धर्म का मतलब धारण से है. आप क्या धारण करते है, आपकी प्रकृति क्या है, वही आपका धर्म है. उस धर्म को आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी, व्यापार, व्यवहार में कर सकते हैं." उन्होंने आगे कहा, "अगर आप धर्म का सही अर्थ समझना चाहते हैं तो उसका आशय किसी भी अप्राकृतिक वस्तु, सिद्धांत से है."
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "मेरा मानना है कि भारत, भारत ही रहेगा, यह पूर्व या पशिचम की नकल नहीं करेगा." 'अर्थ' उत्सव की सफलता पर उन्होंने कहा, "अर्थ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति के जश्न का प्रतीक बन गया है.
ARTH कल्चर फेस्टिवल के उद्घाटन के मौके पर केन्द्रीय संस्कृति मंत्री डॉ महेश शर्मा ने कहा कि विरासत में हमें क्या मिला ये महत्वपूर्ण नहीं बल्कि वसीहत में हम क्या छोड़कर जा रहे हैं, ये महत्वपूर्ण है.
प्राचीन भारत के इतिहास और संस्कृति के सबसे बड़े केन्द्र अर्थ फेस्टिवल में Zee News के एडिटर इन चीफ़ सुधीर चौधरी ने आज के मौजूदा दौर में चाणक्य नीति के महत्व पर चर्चा की. Statecraft in India: From the time of Mahabharat and Chandkya मुद्दे पर पैनल डिस्कशन में सुधीर चौधरी ने चाणक्य की अखंड भारत की सोच को आगे रख टुकड़े-टुकड़े गैंग से देश को सावधान रहने की बात कही.
देशभर के लेखक, बुद्धजीवी, डिप्लोमेट, राजनेता, पत्रकार, कलाकार लगातार ARTH Culture Festival में हिस्सा ले रहे हैं और भारतीय संस्कृति से देश की युवा पीढ़ी को रूबरू कराने की कोशिश कर रहे हैं. कुल मिलाकर कहा जाए कि अर्थ फेस्टिवल एक ऐसा मंच है जहां महज़ 3 दिनों में आप प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक भारत के विचारों के दर्शन कर सकते हैं.