रक्षाबंधन : जानिये, इस बार राखी बांधने के शुभ मुहूर्त और विशेष संयोग
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रक्षाबंधन : जानिये, इस बार राखी बांधने के शुभ मुहूर्त और विशेष संयोग

भाई-बहन के प्‍यार का पर्व रक्षाबंधन शनिवार (29 अगस्त को) मनाया जाएगा। शास्त्र सम्मत है कि भद्रा के बाद ही रक्षाबंधन किया जाता है और इस दिन बहनें भाइयों को तिलक लगाकर, मिष्ठान खिलाकर रक्षा सूत्र इस कामना के साथ बांधती हैं कि वह जीवन पर्यंत अपनी बहन की रक्षा करें। हालांकि, इस बार बहन को भाई की कलाई पर स्नेह की डोर बांधने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा क्‍योंकि हर बार की तरह इस बार भी रक्षाबंधन पर भद्रा का साया पड़ रहा है।

रक्षाबंधन : जानिये, इस बार राखी बांधने के शुभ मुहूर्त और विशेष संयोग

नई दिल्‍ली : भाई-बहन के प्‍यार का पर्व रक्षाबंधन शनिवार (29 अगस्त को) मनाया जाएगा। शास्त्र सम्मत है कि भद्रा के बाद ही रक्षाबंधन किया जाता है और इस दिन बहनें भाइयों को तिलक लगाकर, मिष्ठान खिलाकर रक्षा सूत्र इस कामना के साथ बांधती हैं कि वह जीवन पर्यंत अपनी बहन की रक्षा करें। हालांकि, इस बार बहन को भाई की कलाई पर स्नेह की डोर बांधने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा क्‍योंकि हर बार की तरह इस बार भी रक्षाबंधन पर भद्रा का साया पड़ रहा है।

इस बार राखी पर शनिदेव की बहन भद्रा का साया शनिवार दोपहर 1 बजकर 50 मिनट तक रहेगा इसलिए राखी बांधने का शुभ समय दोपहर 1.50 बजे से रात 09.11 बजे तक रहेगा। दोपहर में राखी बांधने का शुभ समय है 1.54 बजे से शाम 4.23 बजे तक। प्रदोषकाल में रक्षा बंधन का शुभ समय है शाम 06.52 बजे से रात 09.11 बजे तक।

जिक्र योग्‍य है कि वैसे तो भद्राकाल में राखी नहीं बांधी जाती लेकिन अगर बहुत जरूरी हो तो राखी भद्र पुच्छकाल (सुबह 10.15 बजे से 11.16 बजे तक) बांधी जा सकती है। भद्रा मुख काल दिन में 11.16 बजे से 12.59 बजे तक है और इस अवधि में राखी नहीं बांधी जानी चाहिए। भद्रा दिन में 1.50 बजे समाप्त हो रही है।  

इस बार श्रावणी पूर्णिमा का आरंभ 29 अगस्त को सुबह 03.35 बजे से हो रहा है जो कि 30 अगस्त रात 12.05 तक रहेगी। शास्त्रों के अनुसार में भद्रा के पुच्छ काल में कार्य करने से कार्यसिद्धि और विजय प्राप्त होती है। जो लोग अपने दुश्मनों को या फिर प्रतियोगियों को हराना चाहते हैं उन्हें रक्षाबंधन के दिन वरुण देव की पूजा करनी चाहिए। हर बार की तरह इस बार भी राखी शनिवार को धनिष्ठा नक्षत्र के साथ कुंभ राशि के चंद्रमा के साथ आपके जीवन में खुशियां बिखेरने वाली है। इस दिन गुरु और सूर्य सिंह राशि में गोचरस्थ होंगे जबकि राखी पर धनिष्ठा नक्षत्र होने से बहनों को उपहार देने वाले भाईयों को नए स्रोत से धन की आमदनी होगी। खासकर सोने चांदी और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का उपहार काफी शुभ माना जा रहा है।

श्रावण पूर्णिमा के दिन महाकाल मंदिर में महादेव को राखी बांधने के साथ सावन की विदाई हो जाएगी। ज्ञात हो कि इस पावन दिन सुबह 4 बजे भगवान को राखी बांधकर सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। बाद में यही भोग दिन में आने वाले श्रद्धालुओं के बीच बांटा जाता है। साथ ही, महाकाल मंदिर के पास के गणेश मंदिर में भी देश विदेश से भेजी गई भक्तों की राखियां गणपति को बांधी जाती है। मान्यता है कि इस गणेश मंदिर में राखी बांधने वाली बहनों की हर समस्या का अंत और सारी इच्छाएं भी पूरी हो जाती है।

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