राम माधव ने कहा कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद भाजपा अपनी रणनीति का ऐलान करेगी.
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श्रीनगर: बीजेपी नेता राम माधव ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर में पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव में हिस्सा लेगी. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने एनसी और पीडीपी पर राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया रोकने के लिए ‘बहाना बनाने’ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद बीजेपी अपनी रणनीति का ऐलान करेगी.
बीजेपी की राज्य इकाई की एक बैठक के बाद माधव ने कहा,'हमने पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की. हमने सर्वसम्मति से इस चुनाव में शामिल होने का फैसला किया. जैसे ही चुनाव की समय-सारिणी की घोषणा हो जाती है, वैसे ही पार्टी अपनी रणनीति का ऐलान करेगी.'
जम्मू-कश्मीर की दो बड़ी पार्टियां एनसी और पीडीपी इस चुनाव में शामिल नहीं होने की घोषणा कर चुकी हैं. माधव ने यहां जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से राजभवन में मुलाकात की.
'NRC में शामिल नहीं किए जाने वाले लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे'
इससे पहले सोमवार को बीजेपी महासचिव राम माधव ने कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची में शामिल नहीं किए जाने वाले लोगों का मताधिकार छीन लिया जाएगा और उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाएगा. इस बीच, बीजेपी के ही नेता और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि एनआरसी को पूरे भारत में लागू किया जाए.
‘एनआरसी: डिफेंडिंग दि बॉर्डर्स, सेक्यूरिंग दि कल्चर’ विषय पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा कि भारत के वाजिब नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करने और एनआरसी की अंतिम सूची में अपना नाम शामिल कराने के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाएगा.
असम में रह रहे वास्तविक भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अद्यतन की जा रही एनआरसी की 30 जुलाई को प्रकाशित मसौदा सूची में 40 लाख से ज्यादा लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए जिससे राजनीतिक विवाद पैदा हो गया.
सेमिनार में माधव ने कहा कि 1985 में हुए ‘असम समझौते’ के तहत एनआरसी को अद्यतन किया जा रहा है, जिसके तहत सरकार ने राज्य के सभी अवैध प्रवासियों का पता लगाने और उन्हें देश से बाहर निकालने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी.
उन्होंने कहा,‘एनआरसी से सभी अवैध प्रवासियों की पहचान सुनिश्चित हो सकेगी. अगल कदम ‘मिटाने’ का होगा, यानी अवैध प्रवासियों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे और उन्हें सभी सरकारी लाभों से वंचित कर दिया जाएगा. इसके अगले चरण में अवैध प्रवासियों को देश से बाहर कर दिया जाएगा.’
(इनपुट- भाषा)