राम रहीम वीडि‍यो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनेगा 16 साल पुराने पत्रकार हत्या मामले का फैसला
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राम रहीम वीडि‍यो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनेगा 16 साल पुराने पत्रकार हत्या मामले का फैसला

पंचकुला की सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पेश करने के दिये निर्देश. कोर्ट ने हरियाणा सरकार द्वारा की गई अपील पर सुनाया फैसला.

राम रहीम वीडि‍यो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनेगा 16 साल पुराने पत्रकार हत्या मामले का फैसला

न‍ित‍िका माहेश्‍वरी, चंडीगढ़ : पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत द्वारा गुरमीत राम रहीम पर 16 साल पूर्व हुई पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में 11 जनवरी को बड़ा फैसला सुनाया जाने की संभावना है. विशेष सीबीआई कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने 11 जनवरी को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश किए जाने का निर्देश दिया है. दरअसल अदालत ने मामले में आरोपी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को व्यक्तिगत तौर पर पेश करने के निर्देश दिए थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने अपील की थी कि कानून व्यवस्था पर कोई असर न पड़े. इसलिए राम रहीम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पेश करने की इजाज़त दी जाए. अपील में 25 अगस्त को साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को सज़ा सुनाने के वक्त बिगड़े हालातों का हवाला भी दिया गया था.

कोर्ट ने सरकार की अपील पर सी बी आई से जबाब मांगा था. सीबीआई ने कोई सरकार की अपील पर कोई आपत्ति नहीं जताई जिसके चलते कोर्ट ने हरियाणा सरकार की अपील को स्वीकार करते हुए फैसला सुनाया.

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साध्वी दुष्‍कर्म मामले में सजा सुनाने वाले जज जगदीप सिंह छत्रपति हत्‍याकांड में फैसला सुनाएंगे. जज जगदीप सिंह ने सुनारिया जेल के अधीक्षक को निर्देश दिया कि वह डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पेश करें. हालांकि मामले में अन्य आरोपियों किशनलाल, निर्मल, कुलदीप को कोर्ट में पेश होना होगा. आरोप है कि अक्टूबर 2002 में कुलदीप और निर्मल ने दिन दिहाड़े सिरसा में बीच सड़क पर पत्रकार रामचंद्र को गोली मारी थी. दोनों आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया गया था.

हालांकि जब 2002 में मामला दर्ज किया गया था तब राम रहीम का नाम एफ आई आर में नही था 2003 में जांच सीबीआई को सौंप दी थी और 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह दृारा दिए बयानों के बाद डेरा मुखी का नाम भी शामिल किया गया और 2007 में राम रहीम सहित सभी आरोपीयों के खिलाफ चलान पेश किया गया था

गौरतलब है कि 25 अगस्त 2017 को साध्वी यौन शोषण मामले में अदालत ने फैसला सुनाया था तो डेरा समर्थकों ने उत्पात मचा दिया था. इस दौरान भड़की हिंसा में 38 लोगों की मौत हो गई थी और लाखों रुपए की संपत्ति का भी नुकसान हुआ था. इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने कोर्ट को अपील की क्योकिं दोबारा से गुरमीत राम रहीम को अदालत में पेश करना सरकार के सामने बड़ी चुनौती थी. लिहाजा सरकार ने अर्जी लगाकर फिलहाल अदालत से राहत हासिल कर ली है. फिलहाल गुरमीत राम रहीम दो साध्वियों से दुष्‍कर्म के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में 20 साल कैद की सजा काट रहा है.

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