राम मंदिर बनने से नहीं रोक सकती दुनिया की कोई ताकत, सांसद विनय कटियार ने कहा
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राम मंदिर बनने से नहीं रोक सकती दुनिया की कोई ताकत, सांसद विनय कटियार ने कहा

विनय कटियार ने कहा कि जहां भगवान स्थापित हैं वह वहीं विराजमान रहेंगे. वह भूमि भगवान राम की है और कोई ताकत वहां मंदिर बनने से नहीं रोक सकती.

भाजपा के राज्यसभा सांसद विनय कटियार. (फाइल फोटो)

बाराबंकी (उ.प्र.): भाजपा के राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने कहा है कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में वह उच्चतम न्यायालय के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं. उनका कहना है कि कुछ भी हो, राम मंदिर उसी स्थान पर बनेगा, जहां रामलला विराजमान हैं. उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती. कटियार ने रविवार (25 फरवरी) शाम यहां संवाददाता सम्मेलन में राम मंदिर के सवाल पर कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है. हम कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मैं इतना जरूर कहना चाहूंगा कि कुछ भी हो जाए, हर हालत में राम मंदिर वहीं बनेगा.

  1. कटियार ने कहा कि हम कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं.
  2. अयोध्या में राम मंदिर का मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है. 
  3. कोर्ट 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.

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उन्होंने कहा कि जहां भगवान स्थापित हैं वह वहीं विराजमान रहेंगे. वह भूमि भगवान राम की है और कोई ताकत वहां मंदिर बनने से नहीं रोक सकती. कटियार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ मिलकर देश और प्रदेश के लिए सजगता से काम कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राम मंदिर-बाबरी मस्जिद पूरी तरह भूमि विवाद

सर्वोच्च न्यायालय ने बीते 8 फरवरी को कहा था कि वह राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले को पूरी तरह से भूमि विवाद मानकर सुनवाई करेगा और उसने दैनिक आधार पर सुनवाई करने से मना कर दिया. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश अशोक भूषण और न्यायाधीश एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने याचिककर्ताओं की रोजाना सुनवाई करने की अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया, '700 से ज्यादा गरीब वादी न्याय पाने का इंतजार कर रहे हैं, हमें उन्हें सुनना होगा.' सुनवाई की अगली तारीख 14 मार्च तय करते हुए न्यायालय ने पार्टियों से इसके पहले इस मामले में दस्तावेजों की अनूदित प्रतियां दाखिल करने के लिए कहा था.

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न्यायालय 2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसने विवादित बाबरी मस्जिद-रामजन्म भूमि स्थल को निर्मोही अखाड़ा, भगवान राम की जहां मूर्ति है, उसे रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड में बांटने का फैसला दिया था. उच्च न्यायालय के इस फैसले को याचिकाकर्ताओं एम. सिद्दीकी के कानूनी उत्तराधिकारियों, निर्मोही अखाड़ा, उत्तर प्रदेश सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड, भगवान श्री राम विराजमान, अखिल भारत हिंदू महासभा के स्वामी चक्रपाणि, अखिल भारत हिंदू महासभा, अखिल भारतीय श्री रामजन्म भूमि पुनरुद्धार समिति और अन्य ने चुनौती दी थी.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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