दलित अत्याचार के खिलाफ विधेयक की निंदा करने पर पासवान ने ठाकरे पर साधा निशाना
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दलित अत्याचार के खिलाफ विधेयक की निंदा करने पर पासवान ने ठाकरे पर साधा निशाना

केन्द्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि इससे दलित विरोधी और पिछड़ा विरोधी मानसिकता जाहिर होती है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने दलित अत्याचार के खिलाफ कानून पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के वास्ते सरकार के विधेयक की आलोचना करने के लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की रविवार को निंदा की. केन्द्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि इससे दलित विरोधी और पिछड़ा विरोधी मानसिकता जाहिर होती है. उन्होंने ठाकरे के बयानों की निंदा की और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक राज्य का एक नेता, जहां बीआर आंबेडकर का जन्म हुआ है, वह इस तरह का बयान दे रहा है. शिवसेना प्रमुख ने अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में मोदी सरकार पर हमला बोला था. 

यह विधेयक है ऐतिहासिक
मोदी सरकार ने दलितों के खिलाफ अत्याचारों पर कानून के मूल प्रावधानों को बरकरार रखने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी है. पासवान ने ठाकरे के बयानों की प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘इस तरह के बयान से दलित-विरोधी, आदिवासी विरोधी और पिछड़ा विरोधी मानसिकता प्रतिबिंबित होती है. मुझे शिवसेना के ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आम्बेडकर ने संविधान लिखा लेकिन उनके (ठाकरे) जैसे नेताओं ने इसे नहीं पढ़ा है.’’ उन्होंने कहा कि विधेयक ‘‘ऐतिहासिक’’ है और उन लोगों के चेहरे पर एक ‘‘थप्पड़’’ है जो मोदी सरकार पर ‘‘दलित-विरोधी’’ होने का आरोप लगा रहे थे.

(इनपुट भाषा से)

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