Ramban Landslide: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. बाढ़ की वजह से कई घर तबाह हो गए हैं और राष्ट्रीय राजमार्ग 44 बंद हो गया. भारतीय सेना ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया है और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है. जानें पूरी खबर.
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Heavy rainfall in J&K Ramban: जम्मू-कश्मीर में रामबन जिले के कई गांवों में रविवार तड़के आई अचानक बाढ़ और भूस्खलन ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी है. इस प्राकृतिक आपदा में दो नाबालिग भाइयों और एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई. इस आपदा में पंथियाल के निकट दर्जनों मकान और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, वहीं, कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट गया, जिससे राहत और बचाव कार्यों में मुश्किलें आईं.
सेना ने संभाला मोर्चा
बादल फटने और रामबन जिले में हुई भारी बारिश के बाद भारतीय सेना ने प्रभावित नागरिकों की सहायता करने और राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (NH44) पर संपर्क बहाल करने के लिए त्वरित और समन्वित राहत और बहाली अभियान शुरू किया है. जमीनी स्थिति का आकलन करने के बाद, सेना ने जिला आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और यातायात अधीक्षक सहित नागरिक प्रशासन के अधिकारियों के साथ समन्वय में तत्काल कार्रवाई शुरू की.
सेना लोगों को खिला रही खाना
फंसे हुए यात्रियों को राहत प्रदान करने के लिए बनिहाल, कराचियाल, डिगदौल, मैत्रा और चंद्रकोट से त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) को तेजी से जुटाया गया. सेना के जवानों ने चाय और गर्म भोजन वितरित करके, अस्थायी आश्रय प्रदान करके और जरूरतमंद लोगों को बुनियादी चिकित्सा सहायता प्रदान करके सहायता प्रदान की.
#WATCH | Ramban Landslide | The Indian Army has launched an operation to restore connectivity along the National Highway 44. The road clearance and restoration may take up to 48 hours.
Quick Reaction Teams (QRTs) from Banihal, Karachial, Digdaul, Maitra, and Chanderkote were… pic.twitter.com/eqUZ89Sgbj
— ANI (@ANI) April 21, 2025
किसी भी हालात से निपटने की तैयारी
आठ सेना स्तंभ (प्रत्येक की ताकत 1/1/18) वर्तमान में प्रमुख स्थानों पर स्टैंडबाय पर हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर और सहायता की जा सके. शुरुआती आकलन के अनुसार, सड़क साफ करने और उसे बहाल करने में 48 घंटे तक का समय लग सकता है. भारतीय सेना संकट के समय में जम्मू और कश्मीर के नागरिकों के साथ खड़ी रहने, सुरक्षा, समर्थन और समय पर सहायता सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है. उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने प्रभावित क्षेत्रों में जारी अभियान पर बारीकी से नजर बनाए रखी. प्रभावित क्षेत्रों में सोमवार को शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे. सेरी बागना गांव निवासी मोहम्मद हाफिज ने मीडिया से बातचीत में बताया ‘‘मैंने अपनी जिदंगी में ऐसा मौसम कभी नहीं देखा. तड़के करीब साढ़े चार बजे बादल फटने की तेज आवाज से मेरी नींद खुली और कुछ ही देर में मदद के लिए चीख-पुकार मच गई.’’ इनपुट भाषा से भी