Trending Photos
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए बीसीसीआई के चार प्रशासकों में से एक इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने गुरुवार (1 जून) को कोर्ट को बताया कि उन्होंने पद से इस्तीफा व्यक्तिगत कारणों से दिया है. न्यायमूर्ति एमएम शांतनागौडर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाशकालीन पीठ को गुहा के अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने गत 28 मई को भारतीय क्रिकेट बोर्ड की प्रशासकों की समिति के अध्यक्ष विनोद राय को अपना इस्तीफा सौंप दिया था.
#FLASH Ramchandra Guha resigns from BCCI Committee of Administrators citing personal reasons,seeks SC's permission to relieve him of duties pic.twitter.com/n8VMWFa5fM
— ANI (@ANI_news) June 1, 2017
कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर विशेष पीठ विचार कर रही है और याचिका रजिस्ट्री में दायर की जानी चाहिए. पीठ को मामले की जानकारी देने वाले अधिवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि उन्होंने यह याचिका अदालत को गुहा के इस्तीफे के फैसले के बारे में सूचित करने के लिए दायर की है और मुख्य मामले पर सुनवाई जुलाई में होनी है.
शीर्ष अदालत ने गत 30 जनवरी को पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक विनोद राय की अध्यक्षता में चार सदस्यीय प्रशासकों की समिति नियुक्त की थी. इस समिति को बीसीसीई को संचालित करने और क्रिकेट संस्था में सुधार के लिए न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति के अदालत द्वारा मंजूर की गई सिफारिशों को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी थी.
गुहा के इस्तीफे पत्र पर 28 मई की तारीख है. न्यायमूर्ति मोहन. एम. शांतानागोउदार और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की वेकेशन बेंच को गुहा के इस्तीफे के बारे में जानकारी उनके वकील राकेश सिन्हा ने दी. जिन्होंने इस मामले में अदालत की अनुमति के लिए एक आवेदन पत्र दर्ज किया है.
बीसीसीआई की प्रशासक समिति के अन्य सदस्यों में पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी डियाना एडुल्जी और आईडीएफसी लिमिटेड के प्रबंधन निदेशक मुख्य कार्यकारी अधिकारी विक्रम लिमाया भी शामिल हैं. इस समिति की अध्यक्षता पूर्व नियंत्रक और भारत के महालेखा परीक्षक विनोद राय कर रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय इस्तीफे के मसले पर गुहा की अपील की सुनवाई 14 जुलाई को करेगा.
जनवरी में सीओए के गठन की घोषणा करते हुए न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के केंद्रीय खेल मंत्रालय के सचिव को प्रशासकों में से एक बनाने का सुझाव यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि शीर्ष अदालत ने 18 जुलाई, 2016 के अपने आदेश में मंत्रियों और सरकारी कर्मचारियों को बीसीसीआई में कोई भी पद दिए जाने पर विशेष तौर पर रोक लगाई है.
पीठ ने यह भी साफ कर दिया कि बीसीसीआई के सीईओ, सीओए को रिपोर्ट करेंगे और बोर्ड के अधिवक्ता की मदद से शीर्ष अदालत द्वारा स्वीकृत लोढा समिति की सिफारिशों के क्रियान्वयन के बारे में प्रशासकों को सूचित करेंगे. शीर्ष अदालत ने 18 जुलाई, 2016 को लोढा समिति की प्रमुख सिफारिशें स्वीकार कर ली थीं. इसमें मंत्रियों, सरकारी कर्मचारियों और 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के इसके सदस्य बनने पर रोक लगाने का सुझाव भी शामिल था.