पालघर: केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने देश में जाति आधारित जनगणना की अपील की, लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि उनकी इस मांग का मकसद जातिवाद को बढ़ावा देना नहीं है. महाराष्ट्र में पालघर जिले के विक्रमगढ़ में जनजातीय रैली को शनिवार को संबोधित करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता न्याय मंत्री आठवले ने मांग की कि अन्य जातियों एवं समुदायों के लिए आरक्षण में बदलाव किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाए.


जातिगत जनगणना के पीछे ये है तर्क


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रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने कहा, 'आगामी जनगणना में विभिन्न जातियों संबंधी आंकड़ा शामिल किया जाना चाहिए, ताकि लोगों को पता चल सके कि कुल जनसंख्या में उनकी क्या स्थिति है. इसका लक्ष्य जातिवाद को बढ़ावा देना नहीं है.' उन्होंने कहा कि उनकी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया बेरोजगारों के लिए पांच एकड़ भूमि की मांग करने के लिए 25 फरवरी को विभिन्न राज्यों एवं जिलों के मुख्यालयों में अखिल भारतीय प्रदर्शन करेगी.


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सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर लगाई थी रोक


सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शिक्षा एवं नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण देने वाले 2018 महाराष्ट्र कानून के क्रियान्वयन पर पिछले साल रोक लगा दी थी, लेकिन उसने स्पष्ट किया था कि जिन लोगों को इस कानून का लाभ मिल चुका है, उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा.