हरिद्वार में गंगा के तट पर रामदेव ने 90 संन्यासियों को 'दीक्षा' प्रदान की
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हरिद्वार में गंगा के तट पर रामदेव ने 90 संन्यासियों को 'दीक्षा' प्रदान की

संन्यासी जीवन में संन्यासियों का स्वागत करते हुए योग गुरू ने कहा कि संत बनने और स्वयं को राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित करने से ज्यादा आनंददायक कुछ और नहीं हो सकता.

(फोटो साभार @yogrishiramdev)

हरिद्वार: भारत को आध्यात्मिक महाशक्ति बनाने के लिए योग गुरू रामदेव ने रविवार को रामनवमी पर एक नई पहल में पतंजलि द्वारा तैयार किए गए करीब 90 संन्यासियों को 'दीक्षा' प्रदान की. यहां धर्मनगरी में गंगा तट पर रामदेव ने स्वयं 51 संन्यासियों तथा 39 संन्यासिनों को 'दीक्षा' प्रदान की. इस दौरान दीक्षा लेने वाले संन्यासियों के परिवार के लोग भी उपस्थित थे.

  1. रामदेव ने 51 संन्यासियों तथा 39 संन्यासिनों को 'दीक्षा' प्रदान की
  2. सभी को रामदेव के सानिध्य में वेदों और उपनिषदों की शिक्षा दी गई है
  3. रामदेव की योजना 1000 संन्यासियों को तैयार करने की 

रामदेव ने किया संन्यासियों का संन्यासी जीवन में स्वागत
संन्यासी जीवन में संन्यासियों का स्वागत करते हुए योग गुरू ने कहा कि संत बनने और स्वयं को राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित करने से ज्यादा आनंददायक कुछ और नहीं हो सकता. उन्होंने संन्यासी बन गए अपने शिष्यों के परिवारों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने अपने बच्चों को राष्ट सेवा के पुनीत कार्य के लिए समर्पित कर दिया.

पतंजलि के परिसर में ऋषिग्राम में बनी लकड़ी की यज्ञशाला में गत 21 मार्च से हवन और यज्ञ जैसे अनुष्ठान चल रहे थे और आज गंगा घाट पर योग गुरू और उनके सहयोगी बालकृष्ण की देखरेख में संन्यासियों को दीक्षा दी गई.

रामदेव की योजना 1000 संन्यासियों को तैयार करने की
रविवार को दीक्षा लेने वाले संन्यासियों में ब्राहमण, क्षत्रियों, वैश्यों और शूद्रों सहित समाज के सभी वर्गों और वर्णों के लोग शामिल थे. इन सभी को रामदेव के सानिध्य में वेदों और उपनिषदों की शिक्षा दी गई है.

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रामदेव ने कहा कि देश को आध्यात्मिक महाशक्ति बनाने की उनकी योजना के तहत आज 90 संन्यासियों को दीक्षा दी गई. रामदेव की योजना 1000 संन्यासियों को तैयार कर उन्हें राष्ट की सेवा में समर्पित करने की है.

(इनपुट - भाषा)

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