हिन्दू श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय श्री काली मंदिर का निर्माण 1871 में तमिल आव्रजकों ने कराया था.
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यंगून: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने म्यामांर में गुरुवार को माता काली के मंदिर में दर्शन किए. मां काली के इस मंदिर की देखभाल भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आकर म्यामांर में बसे लोगों का एक न्यास करता है. भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘पड़ोसी’ पहले की नीतियों के तहत म्यामांर के साथ उच्चस्तरीय द्विपक्षीय संबंधों को जारी रखने के लिहाज से कोविंद देश की आधिकारिक यात्रा पर हैं.
हिन्दू श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय श्री काली मंदिर का निर्माण 1871 में तमिल आव्रजकों ने कराया था. यह अपने रंगीन दीवारों के लिए प्रसिद्ध है. इसकी कलाकृतियां बहुत सुन्दर हैं और हिन्दू मिथकों की तमाम कथाएं इस पर उकेरी हुई हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मंदिर में दर्शन/पूजा करते हुए राष्ट्रपति कोविंद की एक तस्वीर ट्वीट की है. उन्होंने लिखा है, ‘‘राष्ट्रपति कोविंद और प्रथम महिला (सविता) ने म्यामांर के यंगून स्थित श्री काली मंदिर में दर्शन किए. इस मंदिर की देखभाल भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आकर म्यामांर में बसे लोगों का एक न्यास करता है.’’
इसी तरह एक अन्य ट्वीट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति कोविंद मुगल वंश के आखिरी शासक बहादुर शाह जफर के मकबरे पर भी गए. वहां उन्होंने चादर चढ़ाई.
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निवेश का न्योता
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को म्यामांर में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्हें भारत में निवेश का न्योता दिया. उन्होंने कहा कि देश में कारोबार, सामाजिक उपक्रम और सांस्कृतिक संपर्कों के लिये काफी अवसर हैं. उन्होंने कहा कि भारत इस समय बड़े बदलाव की दहलीज पर खड़ा है.
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राष्ट्रपति ने यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं आपके लिये भारत में रह रहे 1.3 अरब लोगों की शुभकामनाएं लेकर आया हूं.’’ उन्होंने कहा कि म्यामांर आकर्षक लेकिन चुनौतीपूर्ण रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. कोविंद ने कहा, ‘‘मैं यहां म्यामांर को आश्वस्त करने के लिये आया हूं कि भारत बेहतर भविष्य के लिये आपकी आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद के लिये हमेशा तैयार है.’’
#Presidentkovind and First Lady visit Shri Kali temple in Yangon #Myanmar which is managed by a trust represented by people who came to Myanmar from different regions of #India. pic.twitter.com/FfTnDuetWv
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) December 13, 2018
भारत में अवसरों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश में व्यापार, सामाजिक उपक्रम और सांस्कृतिक संपर्कों के लिये पर्याप्त मौके हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं आप सभी को इस यात्रा से जुड़ने और इस भागीदारी को अधिक सार्थक बनाने के लिये आमंत्रित करता हूं.’’
कोविंद ने कहा, ‘‘हमारे पूर्वोत्तर के इलाकों और म्यामांर के उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों में काफी अधिक सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक समानताएं हैं ये क्षेत्र वृद्धि, समृद्धि और सुरक्षा के हमारे द्विपक्षीय दृष्टिकोण के केंद्र में हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘म्यामांर की मेरी पहली यात्रा है. यह तीर्थयात्रा और घर आने जैसा है. इस देश में हजारों वर्ष की गौरवान्वित करने वाली बौद्ध परंपरा और विचार है....’’
#PresidentKovind paid respects to last emperor of Mughal dynasty Bahadur Shah Zafar by offering Chadar! #Yangon houses his mausoleum along with his wife and granddaughter! pic.twitter.com/a5HPiFnWUX
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) December 13, 2018
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की तरह म्यामांर भी एक विविधतापूर्ण देश है जहां विभिन्न जाति, संप्रदाय के लोग रहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘म्यामांर लोकतंत्र, शांति और आर्थिक विकास के मोर्चे पर एक साथ व्यापक बदलाव के दौर से गुजर रहा है. स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची के साहसिक नेतृत्व में म्यामांर की सफलता इस देश के साथ-साथ दक्षिण एशिया और आसियान परिवार के लिये भी महत्वपूर्ण है.’’
(इनपुट: एजेंसी भाषा के साथ)