रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल के रानीगंज में हुई हिंसा पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो लगातार ट्विटर के जरिए ममता सरकार पर निशाना साध रहे हैं. टीएमसी पर प्रदेश में धार्मिक तनाव फैलाने का आरोप लगाने के बाद, सुप्रियो ने राज्य में ममता बनर्जी की सरकार की तुलना 'जिहादी सरकार' से की है.
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नई दिल्ली: रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल के रानीगंज में हुई हिंसा पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो लगातार ट्विटर के जरिए ममता सरकार पर निशाना साध रहे हैं. टीएमसी पर प्रदेश में धार्मिक तनाव फैलाने का आरोप लगाने के बाद, सुप्रियो ने राज्य में ममता बनर्जी की सरकार की तुलना 'जिहादी सरकार' से की है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ताजा स्थिति को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जानकारी दी है. वहीं टीएमसी बीजेपी पर ही हिंसा भड़काने का आरोप लगा रही हैं.
बाबुल सुप्रियो ने ट्विटर कर बताया कि उन्होंने घटना के बारे में प्रधानमंत्री को रानीगंज में चल रहे तनाव की जानकारी दी. आगे उन्होंने लोगों से लोगों से दरख्वास्त की कि वे उन्हें उनके पर्सनल नंबर पर हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के वीडियो भेजें. साथ ही उन्होंने सलाह दी कि इस दौरान लोग अपना चेहरा छिपाए रखें और फेसबुक पर वीडियो को न डालें.
We wil show this Jihadi Sarkar that the the Spirit of Bengal is still alive•There r 100s of pictures circulating on Social Media, it’s impossible 2 verify their authenticity but even if 25% of that is correct, situation is grave•
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) March 27, 2018
एक अन्य ट्वीट में सुप्रियो ने पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए उसे एक जिहादी सरकार करार दिया. उन्होंने लिखा 'हम इस जिहादी सरकार को दिखा देंगे कि पश्चिम बंगाल की आत्मा आज भी जिंदा है.' उन्होंने कहा कि 'सोशल मीडिया पर सैंकड़ों तस्वीरें शेयर की जा रही हैं, लेकिन इनमें से असली कौन सी है ये पता लगाना मुश्किल है'. बीजेपी सांसद ने आगे लिखा कि, 'यदि इसमें से 25 फीसदी तस्वीरें भी सच हैं तो स्थिति काफी गंभीर है.'
कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद
जानकारी के अनुसार रामनवमी पर हथियारों के साथ रैली निकालने पर पाबंदी लगा दी थी. बावजूद इसके पुरुलिया जिले में रामनवमी के दिन कई लोग व लड़के-लड़कियां धारदार हथियारों के साथ रैली निकालते दिखे. रैली में नाबालिग लड़के व लड़कियां भगवान राम का नाम जपते हुए तलवार व चाकू जैसे हथियार भांज रहे थे. इस जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हो गई, जो बाद में हिंसक हो गई. इस घटना में दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी और 5 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे. रैली के बाद से ही प्रदेश के हालात बिगड़ते चले गए और प्रदेश में जगह-जगह हिंसा होने लगी.
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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- हमें निर्देशों के बारे में पता नहीं
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष खुद एक रैली में तलवार और गदा के साथ नजर आए थे. शस्त्रों के साथ रैली निकालने पर लगी पाबंदी को लेकर उन्होंने ऐसे किसी भी निर्देश की जानकारी नहीं होने की बात कही थी. घोष ने कहा था कि रामनवमी के दिन अस्त्र पूजा करना सदियों पुरानी हिंदू परंपरा है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘रामनवमी की शोभा यात्राओं में हथियारों पर पाबंदी लगाने का सरकारी आदेश कहां है? सर्कुलर कहां है?’
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बताया जा रहा है कि 24 मार्च को भाजपा कार्यकर्ता और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच भी झड़प हुई थी. भाजपा का आरोप है कि रामनवमी की पूजा के लिए पंडाल लगाते वक्त उन पर कुछ असमाजिक तत्वों ने उनके ऊपर हमला कर दिया. इस हमले में भाजपा के चार कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हो गए. भाजपा ने इस घटना के लिए टीएमसी को जिम्मेदार बताया था.