Ranya Rao Gold Smuggling Case: गोल्ड स्मगलिंग केस में पकड़ी गईं कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव के गुनाहों की सजा उनके पिता को भी मिल रही है. सोना तस्करी मामले को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने उनके सौतेले पिता डीजीपी रैंक के अधिकारी रामचंद्र राव को अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया है.
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Gold Smuggling Case: गोल्ड स्मगलिंग केस में पकड़ी गईं कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव का राज परत दर परत खुलता जा रहा है. एक तरफ उन्होंने खुफिया निदेशालय (DRI) के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं वहीं दूसरी तरफ उनके सौतेले पिता पर एक्शन हुआ है. कर्नाटक सरकार ने डीजीपी रैंक के अधिकारी रामचंद्र राव को अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया है. उनकी जगह अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक केवी शरत चंद्र लेंगे.
प्रबंध निदेशक के रूप में थे कार्यरत
बता दें कि डीजीपी रैंक के अधिकारी रामचंद्र राव कर्नाटक राज्य पुलिस आवास और अवसंरचना विकास निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत थे. उनकी सौतेली बेटी और कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव उर्फ हर्षवर्धिनी रान्या को दुबई से सोने की तस्करी के आरोप में 3 मार्च को केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था. ऐसे में कर्नाटक सरकार ने कथित सोना तस्करी गतिविधियों में राव की संभावित संलिप्तता की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरव गुप्ता को नियुक्त किया है.
जब्त की गई थी छड़ें
रान्या राव के पास से केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रान्या से 12.56 करोड़ रुपये मूल्य की सोने की छड़ें जब्त की गईं थी. इसके बाद, उसके आवास पर तलाशी ली गई, जहां अधिकारियों ने 2.06 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपये की भारतीय मुद्रा बरामद की. डीआरआई ने आर्थिक अपराधों के लिए विशेष अदालत को सूचित किया कि रान्या ने जनवरी से 27 बार दुबई की यात्रा की थी. डीआरआई ने अदालत को बताया कि अब तक की जांच में एक परिष्कृत तस्करी पद्धति का पता चला है, जिसमें सुरक्षा को दरकिनार करने के लिए एक राज्य पुलिस प्रोटोकॉल अधिकारी का उपयोग, सोने की खरीद के लिए भारत से दुबई में धन हस्तांतरित करने के लिए हवाला लेनदेन और एक बड़े सिंडिकेट की भागीदारी शामिल है.
रान्या राव का बड़ा दावा
इससे पहले रान्या ने दावा किया है है कि उन्हें झूठा फंसाया गया है. उन्होंने कहा कि मुझे विमान के अंदर ही पकड़ लिया गया और बिना कोई स्पष्टीकरण दिए ही गिरफ्तार कर लिया गया. मेरी गिरफ्तारी से लेकर अदालत में पेश किए जाने तक मुझे उन अधिकारियों ने कम से कम 10-15 बार थप्पड़ मारे, जिन्हें मैं पहचान सकती हूं. उनमें से एक ने कहा कि अगर मैंने उनके द्वारा तैयार किए गए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं किए तो वे मेरे पिता का नाम और पहचान उजागर कर देंगे, भले ही वे इसमें शामिल न हों. अत्यधिक दबाव और शारीरिक हमले के कारण मैंने 50-60 टाइप किए हुए पन्नों और लगभग 40 खाली पन्नों पर हस्ताक्षर किए. (पीटीआई)