वायुसेना ने लद्दाख में चीन को दिया कड़ा संदेश: राजनाथ सिंह
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वायुसेना ने लद्दाख में चीन को दिया कड़ा संदेश: राजनाथ सिंह

  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में सीमा पर गतिरोध की प्रतिक्रिया में भारतीय वायुसेना द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में सीमा पर गतिरोध की प्रतिक्रिया में भारतीय वायुसेना द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है. उन्‍होंने कहा कि अग्रिम ठिकानों पर वायुसेना (Airforce) द्वारा संसाधनों की त्वरित तैनाती से 'विरोधियों' को कड़ा संदेश गया है. 

भारतीय वायुसेना के शीर्ष कमांडरों के तीन दिवसीय सम्मेलन को पहले दिन संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिये राष्ट्र का संकल्प अडिग है. देश के लोगों को अपनी सशस्त्र सेनाओं की क्षमताओं पर पूरा भरोसा है.

सिंह ने उस 'पेशेवर अंदाज' के बारे में भी बात की जिससे वायुसेना ने पिछले साल पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला किया था. उन्‍होंने बीते कुछ महीनों में परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने को लेकर भी वायुसेना की सराहना की.

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रक्षा मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, 'जिस पेशेवर तरीके से वायुसेना ने बालाकोट में हवाई हमला किया और पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर अग्रिम ठिकानों पर वायुसेना के संसाधनों की त्वरित तैनाती की गई उससे विरोधियों को कड़ा संदेश गया.' 

सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के लिये जारी प्रयासों का भी उल्लेख किया. साथ ही किसी भी चुनौती को संभालने के लिये वायुसेना से तैयार रहने को कहा.

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि वायुसेना अल्पकालिक और रणनीतिक खतरों के मुकाबले के लिये तैयार है और सभी इकाइयां विरोधियों की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का मुकाबला करने के लिये 'समान रूप से तैयार' हैं. 

उन्होंने कहा कि बलों की तैनाती और तैयारी सुनिश्चित करने में सभी कमानों द्वारा तत्‍काल उठाए गए कदम सराहनीय हैं. उन्होंने अल्पकालिक सूचना पर भी प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने की स्थिति के लिये तैयारी पर जोर देने की जरूरत बताई.

सशस्‍त्र बलों की सभी जरूरतें करेंगे पूरी  
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में प्रौद्योगिकी में बदलाव के लिये वायुसेना की भूमिका को भी स्वीकार किया. उन्होंने नैनो प्रौद्योगिकी, कृत्रिम मेधा, साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र में उभरती क्षमताओं को भी अपनाने के बारे में बात की. मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने कमांडरों को आश्वस्त किया है कि सशस्त्र बलों की सभी आवश्यकताएं, चाहे वित्तीय हों या अन्‍य किसी भी तरह की हों, वे सभी पूरी की जाएंगी.

राफेल विमानों की तैनाती पर भी हो सकती है चर्चा 
सम्मेलन में भारतीय वायुसेना के कमांडर देश की वायु रक्षा प्रणाली की गहन समीक्षा करेंगे जिसमें राफेल लड़ाकू विमानों के पहले जत्थे की लद्दाख क्षेत्र में तैनाती भी शामिल है. सूत्रों ने कहा कि कमांडरों के सम्मेलन का मुख्य मुद्दा पूर्वी लद्दाख में संपूर्ण स्थिति पर चर्चा और सभी संवेदनशील क्षेत्रों, जिसमें चीन से लगने वाली अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड से लगने वाली सीमा पर वायुसेना की युद्धक तैयारियों को बढ़ाने पर जोर देना है.

सूत्रों ने कहा कि कमांडरों की बैठक में खास तौर पर करीब छह राफेल लड़ाकू विमानों के पहले जत्थे की अगले महीने के शुरू में लद्दाख सेक्टर में तैनाती पर भी चर्चा होने की उम्मीद है. इन लड़ाकू विमानों के 29 जुलाई को भारतीय वायुसेना के युद्धक बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है.

(इनपुट: भाषा)

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