आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबर! RBI ने जीडीपी विकास दर का अनुमान घटाकर 5% किया
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आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबर! RBI ने जीडीपी विकास दर का अनुमान घटाकर 5% किया

आरबीआई ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी की समीक्षा के दौरान जीडीपी विकास दर का अनुमान 6.1 से घटाकर 5% कर दिया है.

आरबीआई ने मौजूदा वित्तीय साल की दूसरी छमाही में रिटेल महंगाई दर बढ़ने का अंदेशा जताया है.

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति (Monetary Policy) की समीक्षा के दौरान जीडीपी विकास दर (GDP growth rate) का अनुमान 6.1 से घटाकर 5% कर दिया है. रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया है, रेपो रेट लगातार पांच बार घटाने के बाद इस बार 5.15% पर ही स्थिर है. रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है. हालांकि रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने यह संकेत दिए है कि रेपो रेट आने वाले समय घटाया भी जा सकता है. मुंबई में मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन तक चली बैठक के बाद आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी विकास दर के अनुमान पर निर्णय की घोषणा की.

वहीं आरबीआई ने मौजूदा वित्तीय साल की दूसरी छमाही में रिटेल महंगाई दर बढ़ने का अंदेशा जताया है. पिछली बार आरबीआई ने समय महंगाई का 3.5% से 3.7% अनुमान रखा था लेकिन इस बार की समीक्षा में उसे बढ़ाकर 4.7% से 5.1% किया है. आरबीआई ने यह अनुमान इसलिए बढ़ाया है क्योंकि अक्टूबर में रिटेल महंगाई 4.6% पहुंच गई.

अर्थशास्त्री इस बार भी रेपो रेट में 0.25% की कटौती की उम्मीद कर रहे थे यह मानकर चल रहे थे कि दूसरी तिमाही में विकास दर 4.5 परसेंट रही है तो आरबीआई भी रेपो रेट में कटौती करके इसमें अपनी तरफ से मदद दे सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आरबीआई ने कहा कि इस वक्त सबसे बड़ी जरूरत है इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा दिया जाए और उसके लिए जो भी रोडब्लॉक है उसको कम किया जाए. कुछ समय पहले ही आरबीआई ने रेपो रेट को एक्स्टर्नल बेंचमार्क से जोड़ा है ताकि आरबीआई की रेट घट आते हैं ग्राहकों को भी रेट का फायदा होने लगे. आरबीआई उम्मीद कर रहा है कि अभी भी  बैंकों की तरफ से ग्राहकों के फायदे के लिए ब्याज दर में बदलाव का रास्ता है.

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महत्वपूर्ण बात यह कि आरबीआई इस समय महंगाई को एक चुनौती तो मान रहा है लेकिन साथ ही साथ यह भी कह रहा है कि आने वाले बजट के बाद भी और स्थिति साफ हो पाएगी कि विकास दर के लिए कौन से और उपाय किये जाना चाहिए.हालांकि आरबीआई यह मान रहा है कि आने वाले समय में विकास दर बढ़ने के संकेत है.

आरबीआई के मुताबिक बैंकों के पास नकदी की समस्या नहीं है. वही हाल ही में कॉपरेटिव बैंक में घोटालों को देखते हुए आरबीआई का कहना है कि ग्राहकों के हित मजबूत रखने के लिए और काम करेंगे साथ ही साथ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों को लैंडिंग के लिए नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा. वही पीएमसी बैंक घोटाले पर आरबीआई बैंकों के फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है.

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