मुंबई: मुंबई (Mumbai) में सबसे बड़ी फल मंडी (Fruit Market) में से एक है क्रॉफर्ड मार्केट. यहां पर देसी और विदेशी फलों का सबसे बड़ा बाजार लगता है. सेब पर वैक्स (wax on apple) की कोटिंग का मामला सामने आते ही जी मीडिया (Zee Media) की टीम बाजार में पहुंची और पता लगाने की कोशिश की कि वहां मौजूद सेबों (Apple) पर भी वैक्स कोटिंग (Wax Coating) है या नहीं. जानकारी के मुताबिक बाजार में बिक रहे सेब वाशिंगटन (Washington) से मुंबई पहुंचते हैं. देखने में बहुत ही चमकदार और आकर्षक इन सेबों का होलसेल बाजार भाव तकरीबन 280 से लेकर 300 रुपये प्रति किलो का है.


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इन चमकदार सेबों (Apple) पर वैक्स (wax) लगा है या नहीं इसे जांचने का बड़ा ही आसान तरीका है. बहुत ही हल्के हाथ से एक चाकू (knife) से इस सेब पर स्क्रैच करिए और वैक्स की परत उतरते हुए आपको दिखाई देगी. पहले यह सेब चमकता हुआ आकर्षक दिखाई देता है लेकिन इसकी असलियत 2 मिनट में तब सामने आ जाती जब आप चाकू से इस पर स्क्रैच (scratch) करते हैं तो इस पर चढ़ी हुई वैक्स सामने दिखाई देने लगती है.


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फल विक्रेताओं (fruit seller) का कहना है कि यह खतरनाक वैक्स (wax) नहीं है बल्कि इसका सेवन किया जा सकता है. यह एक एडिबल खाने लायक वैक्स है. क्योंकि यह फल अमेरिका से यहां तक लंबा सफर तय करके आते हैं इसलिए इन्हें इन पर preservative के तौर पर इस वैक्स को लगाया जाता है. लेकिन इनका यह दावा सच है या गलत यह कहना तब तक मुश्किल है जब तक फलों के इन नमूनों को किसी फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा नहीं जाता उसकी रिपोर्ट सामने नहीं आती.



फल विक्रेताओं का यह भी कहना है कि वे खुद इस पर वैक्स (wax) की परत नहीं चढ़ाते बल्कि आगे से ही यह फल पोलिस करके इनके पास आते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इस पर चढ़ा हुआ वैक्स कौन से प्रकार का और कितना खतरनाक है.