कर्नाटक के बागी विधायकों ने फिर से खटखटाया SC का दरवाजा, उपचुनाव टालने की मांग
25 जुलाई को तीन जबकि 28 जुलाई बाग़ी विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था.
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नई दिल्ली: कर्नाटक के 17 बागी विधायकों ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बागी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि अदालत के फैसले आने तक 15 सीटों पर उपचुनाव टाला जाए. सुप्रीम कोर्ट ने रोहतगी से इस संदर्भ में अर्जी दायर करने को कहा है.
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर द्वारा अयोग्य करार दिए गए कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. याचिका में स्पीकर के फैसले को चुनौती दी गई थी. दरअसल, तत्कालीन स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों को मौजूदा विधानसभा के पूरे कार्यकाल 2023 तक के लिए अयोग्य करार दिया था. चुनाव आयोग ने इन सीटों पर उपचुनाव घोषित किए हैं. इसलिए अयोग्य विधायकों का कहना है कि उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही लंबित है. अगर उपचुनाव हुए तो उनकी याचिका निष्प्रभावी हो जाएगी.
आपकों बता दें कि 25 जुलाई को तीन जबकि 28 जुलाई बाग़ी विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था. इनमें रमेश जारकिहोली (कांग्रेस), महेश कुमतल्ली (कांग्रेस), आर शंकर (निर्दलीय).कांग्रेस विधायक प्रताप गौड़ा पाटिल, शिवराम हेब्बर, बीसी पाटिल, बयराती बासवराज, एसटी सोमशेखर, के सुधाकर, एमटीबी नागराज, श्रीमंत पाटिल, रोशन बेग, आनंद सिंह और मुनिरत्ना और जेडीएस विधायक ए एच विश्वनाथ, नारायण गौड़ा, के गोपालैया शामिल थे.
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