धर्मांतरण की घटना को लेकर विपक्ष ने संसद में किया हंगामा, सरकार ने झाड़ा पल्ला
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धर्मांतरण की घटना को लेकर विपक्ष ने संसद में किया हंगामा, सरकार ने झाड़ा पल्ला

आगरा में बीते दिनों कथित तौर पर धर्म परिवर्तन मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में बुधवार को विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। मुस्लिम परिवारों के धर्म परिवर्तन मामले को लेकर विपक्षी नेताओं ने सरकार को निशाने पर लिया।

धर्मांतरण की घटना को लेकर विपक्ष ने संसद में किया हंगामा, सरकार ने झाड़ा पल्ला

नई दिल्‍ली : आगरा में बीते दिनों कथित तौर पर धर्म परिवर्तन मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में बुधवार को विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। मुस्लिम परिवारों के धर्म परिवर्तन मामले को लेकर विपक्षी नेताओं ने सरकार को निशाने पर लिया। राज्‍यसभा की कार्यवाही आज शुरू होते ही आगरा धर्म परिवर्तन मामले को लेकर हंगामा शुरू हो गया। तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, कांग्रेस, सपा सदस्यों ने प्रधानमंत्री से ‘अपने लोगों’ को ऐसे कार्यों से रोकने को कहा। विपक्षी दलों ने धर्मांतरण मामले को लेकर सदन में चर्चा की मांग की। बसपा प्रमुख मायावती ने आज सदन में कहा कि आगरा में जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया। इस मामले में गरीबी का फायदा उठाया गया और झांसा देकर धर्म परिवर्तन करवाया गया। इस मामले को सरकार गंभीरता से ले। यदि इस मामले को नहीं रोका गया तो देशभर में तनाव बढ़ेगा।

राज्यसभा में बुधवार को बसपा सहित विपक्षी दलों ने आगरा में कुछ लोगों का दबाव डालकर एवं प्रलोभन देकर धर्मान्तरण कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं से देश में सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है। उन्होंने केन्द्र सरकार इसका जवाब देने की मांग की जबकि सरकार ने इस मुद्दे से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह राज्य सरकार का मामला है।

बसपा प्रमुख मायावती ने आज शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि आगरा में कुछ मुसलमानों पर दबाव डालकर और प्रलोभन देकर उनका धर्मपरिवर्तन करवाया गया। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के तहत किसी पर दबाव डालकर या प्रलोभन देकर धर्मान्तरण करवाना गैर कानूनी है। सरकार का पक्ष रखते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिकी दर्ज करवायी है। उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है। इस मामले में कार्रवाई राज्य सरकार को करना है। केन्द्र सरकार इसमें कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। नकवी ने इस मुद्दे में राजनीतिक कारणों से कोई नाम लेने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस मामले में किसी संगठन का नाम लेना उपयुक्त नहीं है। उन्होंने आसन से कहा कि उक्‍त नाम सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाना चाहिए।

इससे पूर्व मायावती ने दावा किया कि इस माह के अंत में अलीगढ़ में भी एक ऐसे ही आयोजन की तैयारियां की जा रही हैं जिसमें ईसाइयों का धर्मातरण कर उन्हें हिन्दू बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि संविधान भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत लोगों के जानमाल और धार्मिक आजादी की रक्षा करना केन्द्र एवं राज्य सरकार, दोनों की जिम्मेदारी है। मायावती ने कहा कि केन्द्र सरकार को आगरा की घटना को गंभीरता से लेना चाहिए और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस मामले में यह कहकर नहीं बच सकती कि यह राज्य का मुद्दा है।

उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में जवाब देना चाहिए और इस तरह की जबरन धर्मान्तरण की घटनाओं को रोकना चाहिए अन्यथा देश में सांप्रदायिक तनाव फैल जाएगा। कांग्रेस, वाम, तृणमूल कांग्रेस, जदयू सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने भी इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगते हुए देश में धर्मनिरपेक्षता को बरकरार रखने की मांग की। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सदन में आकर इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत एक जनतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र है और यह बना रहेगा। इसे बदलने का प्रयास नहीं होना चाहिए। सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है तथा कार्रवाई की जा रही है। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसी का दबाव या प्रलोभन देकर धर्मान्तरण करवाना एक जुर्म है। उन्होंने कहा कि इस मामले में गृह मंत्री को जवाब देना चाहिए।

इस मामले में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आरएसएस का नाम लिये जाने का कड़ा विरोध करते हुए शून्यकाल चलने देने की मांग की। इसी बीच जब कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, जदयू नेता शरद यादव तथा कुछ अन्य विपक्षी नेताओं ने इस मामले में अपनी बात कहनी चाही तो उपसभापति पी जे कुरियन ने उनसे शून्यकाल चलने देने को कहा। कुरियन ने कहा कि सरकार ने संविधान की शपथ ली है। वह संविधान की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। यदि संविधान का उल्लंघन होता है तो सरकार उसका संज्ञान लेगी और उस पर कार्रवाई करेगी। उन्होंने सदस्यों से कहा कि यदि वे इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं तो वे संबद्ध नियमों के तहत नोटिस दे सकते हैं।

उधर, लोकसभा में भी तृणमूल कांग्रेस सदस्यों ने अपने हाथ में अखबार की प्रति लहराते हुए आगरा में धर्मपरिवर्तन के संबंध में कथित धोखाधड़ी का मामला उठाया। सपा, राकांपा सदस्यों ने भी इसका समर्थन किया। तृणमूल सदस्य सुल्तान अहमद ने कहा कि अगरा में क्या हो रहा है ? धर्मपरिवर्तन के नाम पर क्या हो रहा है? प्रधानमंत्रीजी सदन में मौजूद हैं, आप अपने लोगों को ऐसा करने से रोकें। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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