रेलवे के टिकट पर छपे संदेश 'क्या आपको पता है कि आपके किराए का 43% हिस्से का भुगतान देश के आम आमदी द्वारा किया जाता है? ' को पढ़ने के बाद सेना के रिटायर्ड लेफ्टीनेंट कर्नल को पहुंची ठेस.
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नई दिल्ली: भारतीय रेलवे द्वारा जारी टिकट में छपा एक संदेश सेना के एक रिटायर्ड लेफ्टीनेंट कर्नल के लिए बेहद ठेस पहुंचाने वाला था. रेलवे के इस संदेश से आहत हुए रिटायर्ड लेफ्टीनेंट कर्नल ने प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को ट्वीट कर अपनी नाराजगी से अवगत कराया था. रिटायर्ड लेफ्टीनेंट कर्नल का ट्वीट मिलते ही रेलवे मंत्रालय में इस कदर खलबली मची कि रेलवे मंत्रालय के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर ने इस बाबत रक्षा मंत्रायल के संयुक्त एक पत्र लिखकर अपनी सफाई पेश की. रेलवे की सफाई में कहा गया है कि यह संदेश रेलवे द्वारा जारी किए जाने वाले सभी टिकटों में प्रकाशित किया जा रहा है. यह संदेश सिर्फ सेना के जवानों के लिए नहीं है. इस संदेश को प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी भी तरह से सैनिकों की भावनओं को ठेस पहुंचाना नहीं है.
दरअसल, रेलवे के टिकट में छपे इस संदेश में लिखा था कि 'Are you aware that 43% of your fare is borne by commen citizens of the country? (क्या आपको पता है कि आपके किराए के 43% हिस्से का भुगतान देश के आम आदमी द्वारा किया जाता है?)' इस संदेश को पढ़ने के बाद सेना के रिटायर्ड लेफ्टीनेंट कर्नल को लगा कि सेना के जवानों को रेल के टिकट में दी जाने वाली विशेष छूट का जिक्र इस टिकट में किया गया है. उन्हें लगा कि रेलवे सैनिकों को यह जताने की कोशिश कर रहा है कि उन्हें रेलवे टिकट पर मिलने वाली विशेष छूट से आम आदमी की जेब पर कितना भार पड़ता है. अपने इस कंफ्यूजन के चलते सेना के रिटायर्ड लेफ्टीनेंट कर्नल ने इस बाबत प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को ट्वीट कर दिया. रिटायर्ड लेफ्टीनेंट कर्नल के इस ट्वीट को कई लोगों ने रि-ट्वीट भी किया था.
There’s been some discussion on a message printed on railway tickets. Note the last line:“It is reiterated that this message is being printed for all railway passengers and not confined to defence personnel.” @KSBSectt @DefenceMinIndia @PIB_India @PIBHindi @adgpi @SpokespersonMoD pic.twitter.com/XG86wXmeiK
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) July 10, 2018
इस ट्वीट के संज्ञान में आने के बाद रेल मंत्रालय के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर (पैसेंजर मार्किटिंग) नीरज शर्मा ने 10 जुलाई को रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर को पत्र लिखा. इस पत्र में ट्वीट का जिक्र करते हुए बताया गया कि यह बात सही है कि भारतीय रेल के किराए बेहद सब्सिडाइज्ड हैं. नॉन-सबअर्बन यात्रियों से मिलने वाला किराया, असल किराए का महज 57 फीसदी और सब अर्बन सेक्शर के यात्रियों से मिलने वाला किराया, कुल किराए का महज 37फीसदी है. देश की जनता को इस सच्चाई से अवगत कराने के लिए रेलवे मंत्रायल द्वारा एक मुहिम चलाई गई है. जिसके तहत, इस संदेश को रेलवे के आरक्षित, अनारक्षित और ई-टिकटों में प्रकाशित किया जा रहा है.
उन्होंने अपने पत्र में बताया कि 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद रेलवे ने इस संदेश को सिर्फ फ्लैक्सी फेयर के दायरे में आने वाली ट्रेनों के टिकटों में प्रकाशित करना बंद कर दिया था. उन्होंने बताया कि यह संदेश को प्रकाशित करने का मकसद सिर्फ रेलवे द्वारा दी जा रही सब्सिडी के बाबत देश के सभी नागरिकों को अवगत कराना था. इस संदेश को प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी भी तरह से किसी व्यक्तिगत या सर्विस को भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है. उन्होंने अपने पत्र में यह साफ किया कि यह संदेश रेलवे के सभी यात्रियों के टिकटों में प्रकाशित किया जा रहा है. रेल मंत्रालय से मिले इस खत को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को ट्वीट भी किया है.