आरजीआई ने कहा, 'NRC वेरिफिकेशन प्रक्रिया में पश्चिम बंगाल सबसे बड़ा डिफाल्टर'
Advertisement

आरजीआई ने कहा, 'NRC वेरिफिकेशन प्रक्रिया में पश्चिम बंगाल सबसे बड़ा डिफाल्टर'

भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त शैलेश ने कहा, ‘सभी राज्यों में पश्चिम बंगाल ऐसा राज्य था जहां से हमें ज्यादातर दस्तावेज नहीं मिले. हमें संघर्ष करना पड़ा. हमें फॉलो अप करना पड़ा. 

 नागौन जिले में एनआरसी की ड्राफ्ट लिस्ट में अपना नाम चेक करने के लिए इंतजार करते लोग (फोटो साभार - रॉयटर्स)

नई दिल्ली: भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त शैलेश ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी संबंधी प्रमाणन प्रक्रिया में पश्चिम बंगाल सबसे बड़ा डिफाल्टर था. राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एन आर सी) संबंधी प्रमाणन प्रक्रिया उन लोगों से संबंधित हैं जो किसी दूसरे राज्य से हैं, लेकिन विभिन्न कारणों से असम में रहते हैं.

एन आर सी से जुड़ी समूची प्रक्रिया को देखने वाले भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त (आर जी आई) शैलेश ने यह भी कहा कि उन्होंने एन आर सी अधिकारियों द्वारा मांगे गए दस्तावेज एकत्र करने में पश्चिम बंगाल सरकार की मदद के लिए अपने खुद के स्टाफ तक को लगा दिया, लेकिन प्रयास बेकार रहे.

'पश्चिम बंगाल में ज्यादातर दस्तावेज नहीं मिले'
शैलेश ने कहा, ‘सभी राज्यों में पश्चिम बंगाल ऐसा राज्य था जहां से हमें ज्यादातर दस्तावेज नहीं मिले. हमें संघर्ष करना पड़ा. हमें फॉलो अप करना पड़ा. पश्चिम बंगाल से हमें संतोषजनक संख्या में दस्तावेज नहीं मिले. पश्चिम बंगाल का जवाब संतोषजनक नहीं था.’ 

असम के नागरिकों की सूची से संबंधित एन आर सी मसौदा गत 30 जुलाई को प्रकाशित हुआ था जिसमें असम में रहने वाले 40 लाख लोगों के नाम नहीं थे. ज्यादातर नाम भारतीय नागरिकता का सबूत देने वाले उचित दस्तावेजों की कमी के चलते बाहर किए गए.

शैलेश ने यह भी कहा कि एन आर सी अधिकारियों और पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के बीच वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक हुई और पश्चिम बंगाल से जवाब देने का आग्रह किया गया.

उन्होंने कहा,‘पश्चिम बंगाल अपवाद के रूप में एकमात्र ऐसा राज्य था जहां राज्य सरकार की मदद करने के लिए मुझे खुद का स्टाफ लगाना पड़ा. लेकिन हमें एन आर सी मसौदे के लिए सभी जरूरी दस्तावेज नहीं मिले.’ पश्चिम बंगाल द्वारा उपलब्ध न कराए गए दस्तावेजों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर शैलेश ने कहा कि यह एक ‘बड़ी संख्या’ होगी.

एनआरसी के मुद्दे पर केंद्र पर हमला बोल रही हैं ममता
आर जी आई की ये टिप्पणियां काफी मायने रखती हैं क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी असम में एन आर सी मसौदे को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार पर लगातार हमला बोल रही हैं. उनका आरोप है कि भाजपा वोट बैंक की राजनीति कर रही है. ममता यह चेतावनी भी दे रही हैं कि इससे बांग्लादेश के साथ भारत के संबंध ‘‘तबाह’’ हो जाएंगे.

उनका यह भी कहना है कि एन आर सी से बाहर किए गए 40 लाख लोगों में से केवल एक प्रतिशत लोग घुसपैठिया हो सकते हैं, लेकिन घुसपैठियों के नाम पर लोगों को ‘‘प्रताड़ित’’ किया जा रहा है.

ममता ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि असम में एन आर सी की प्रक्रिया लोगों को बांटने के लिए राजनीतिक उद्देश्य से की गई. उन्होंने चेतावनी दी कि इससे देश में रक्तपात और गृहयुद्ध छिड़ जाएगा.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एक आकलन के मुताबिक पश्चिम बंगाल ने एन आर सी अधिकारियों द्वारा भेजे गए 1.14 लाख दस्तावेजों में से केवल छह प्रतिशत का ही जवाब दिया. अन्य दूसरे बड़े डिफाल्टरों में बिहार, चंडीगढ़, मणिपुर और मेघालय थे जिन्होंने प्रमाणन के बाद महज दो से सात प्रतिशत दस्तावेजों को ही लौटाया.

सूत्रों ने बताया कि एन आर सी के अंतिम मसौदे में कम से कम पांच लाख लोगों का नाम इसलिए शामिल नहीं किया गया क्योंकि दूसरे राज्य और केंद्रीय संगठन इन लोगों द्वारा किए गए नागरिकता के दावों की जांच करने और प्रमाणन के परिणाम वापस भेजने में असफल रहे.

(इनपुट - भाषा)

Trending news