राइनो वायरस से संक्रमित सेल्स ऐसी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा दे रही थीं, जिनसे सार्स-CoV-2 की संक्रामक क्षमता कमजोर हो रही थी. वहीं राइनो वायरस की गैरमौजूदगी में कोरोना वायरस मरीजों के शरीर में सामान्य रूप से सक्रिय हो रहा है.
Trending Photos
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Covid-19) को लेकर आज भी दुनियाभर में कई रिसर्च की जा रही हैं, जिसके जरिए लगातार बड़े खुलासे हो रहे हैं. एक ऐसा ही खुलासा स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लास्गो (University of Glasgow) में की गई, जिसके बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि सर्दी-जुकाम के लिए जिम्मेदार राइनो वायरस (Rhinovirus) कोरोना को हरा सकता है.
रिसर्च टीम का हिस्सा रहे डॉक्टर पाब्लो म्युरिका ने बीबीसी से बातचीत में बताया कि राइनो वायरस सार्स-कोवि-2 के लिए कोई मौका नहीं छोड़ता. यह इसे बुरी तरह बाहर धकेल देता है. उन्होंने कहा कि अगर इंसान के शरीर में राइनो वायरस का अच्छा-खासा प्रभाव है तो यह कोविड-19 के संक्रमण को रोक सकता है.
ये भी पढ़ें:- कोरोना के बाद न करें इन लक्षणों की अनदेखी, अभी से हो जाएं सावधान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुछ वायरस ऐसे होते हैं जो इंसानी शरीर को संक्रमित करने के लिए दूसरे वायरस से लड़ते हैं. सामान्य सर्दी-जुकाम वाला वायरस भी कुछ ऐसा ही है. वैज्ञानिकों ने कहा, राइनो वायरस से होने वाला फायदा थोड़ी देर के लिए रहे लेकिन यह शरीर में इस कदर फैल जाता है कि इससे कोरोना वायरस के असर को कम करने में मदद मिल सकती है.
ये भी पढ़ें:- Lockdown में नहीं होगी परेशानी, रेलवे ने UP समेत इन राज्यों में बढ़ाईं स्पेशल ट्रेन
हालांकि ये बिल्कुल जरूरी नहीं कि हर इंसान पर इनका एक जैसा प्रभाव हो. वैज्ञानिकों ने साफ किया है कि जिन्हें सर्दी-जुकाम है या पहले हो गया है, वे अब कोरोना से सुरक्षित हो गए हैं, इस रिसर्च का ये मतलब कतई नहीं है. ये तय करना डॉक्टर का काम है कि कौन से लक्षण कोरोना के हैं और कौन से सर्दी-जुकाम के हैं. इसलिए इस रिसर्च के नतीजों को सोच-समझकर ग्रहण करें.
LIVE TV