Trending Photos
Bihar Politics Latest Update: बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में दरार की खबरों की चर्चा जोरों पर है. महागठबंधन के छोटे दलों ने बुधवार को गठबंधन के दो सबसे बड़े दलों जद (यू) और राजद के बीच कथित दरार के बीच एक समन्वय समिति के जल्द गठन की मांग की है. महागठबंधन में दरार की खबरों को तब बल मिला जब राजद के राज्य प्रमुख जगदानंद सिंह ने कहा कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अगले साल अपने बॉस नीतीश कुमार और उनके बेटे की जगह लेंगे.
तेजस्वी यादव ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री पद को लेकर तेजस्वी यादव ने अपना रुख साफ करते हुए कहा है कि वे शीर्ष पद को लेकर किसी जल्दबाजी में नहीं हैं. बहरहाल छोटे सहयोगियों, विशेष रूप से वाम दलों को लगता है कि यह उचित समय है कि एक समन्वय समिति बनाई जाए, जिसकी अनुपस्थिति को अक्सर राज्य में एनडीए के विघटन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है.
समन्वय समिति के गठन की मांग
सीपीआईएमएल (एल) के विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि हमने सुधाकर सिंह के इस्तीफे के तुरंत बाद डिप्टी सीएम से एक समन्वय समिति के गठन की मांग के साथ मुलाकात की. हमें लगा कि सरकार ठीक चल रही है और सिंह के व्यवहार जैसे उदाहरणों का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. माकपा नेता ने कहा कि हमने सरकार के गठन के तुरंत बाद एक समन्वय समिति के गठन और एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार करने की मांग की थी. हमारा उद्देश्य इस तरह की गलतफहमी को दूर करना था.
तेजस्वी ने सुनी सहयोगियों की बात
उन्होंने दावा किया कि विधानसभा में सबसे अधिक विधायकों वाली पार्टी का नेतृत्व कर रहे तेजस्वी यादव ने हमारी बातों को धैर्यपूर्वक सुना और कार्रवाई करने को भी तैयार दिखे. आलम ने कहा कि उन्होंने मुझे उन प्रतिनिधियों के नाम के साथ आने के लिए कहा जिन्हें पार्टी समन्वय समिति का हिस्सा बनना है. मेरा मानना है कि वह अन्य गठबंधन सहयोगियों के साथ भी संपर्क में हैं.
RJD महागठबंधन में सबसे बड़ा दल
जद (यू), राजद और सीपीआईएमएल (एल) के अलावा, गठबंधन में कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम) और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के एचएएम शामिल हैं. हालांकि, सभी गठबंधन सहयोगियों को यह एहसास है कि गठबंधन के जीवित रहने के लिए जद (यू) और राजद के बीच कोई दरार नहीं होनी चाहिए, जिसमें कुल मिलाकर 124 विधायक हैं, जो 243-मजबूत विधानसभा में जादू के निशान से दो अधिक है.
भाकपा ने भी रखी मांग
भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान ने कहा कि हालिया घटनाक्रम समन्वय समिति के शीघ्र गठन की आवश्यकता को रेखांकित करता है, हालांकि हमारी पार्टी ने शुरुआत में ही मांग उठाई थी. हमारे राज्य सचिव राम नरेश पांडे ने मांग उठाने के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के साथ ही इस समिति का गठन और भी महत्वपूर्ण है. उपचुनाव बहुदलीय गठबंधन के लिए अपनी एकजुटता प्रदर्शित करने का एक अवसर होगा. कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा कि समन्वय समिति के गठन के संबंध में चर्चा हुई है. यह जल्द से जल्द अमल में आएगा.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर
(एजेंसी इनपुट के साथ)