नई दिल्ली: आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और पूरे भारत में उसकी उपस्थिति है, ऐसे में यह स्वभाविक है कि BJP नीत NDA के खिलाफ किसी भी राष्ट्रीय गठबंधन का आधार कांग्रेस (Congress) को होना चाहिए. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता ने कहा कि कांग्रेस का 200 से अधिक लोक सभा सीटों पर भाजपा से सीधा मुकाबला है और उसे उन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. शेष सीटों पर क्षेत्रीय दलों को अग्रणी भूमिका दी जानी चाहिए.


समान विचारों वाली पार्टियां साथ आएं


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के आवास पर बीते सप्ताह विपक्षी पार्टियों के नेताओं और सिविल इंस्टीट्यूशन्स के कई सदस्यों की हुई बैठक के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि बैठक में किस विषय पर चर्चा हुई. हालांकि, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि सभी समान विचारों वाली पार्टियों को ‘इस सबसे अधिक दमनकारी, विभाजनकारी, अधिनायकवादी और फासीवादी सरकार ’ को हराने के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत एक साथ आना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमारे नेता (Lalu Prasad Yadav) ने वर्ष-2014 के चुनाव से पहले चेतावनी देते हुए कहा था कि ‘ये चुनाव तय करेगा कि देश टूटेगा या बचेगा’ और अब अधिकतर पार्टियां और हमारे समाज के लोग इसे पहले से कहीं अधिक महसूस कर रहे हैं.’


गबंधन का आधार कांग्रेस हो


यह पूछे जाने पर कि बैठक में कांग्रेस की उपस्थिति नहीं थी और क्या भाजपा का मुकाबला करने के लिए बनने वाले राष्ट्रीय गठबंधन में कांग्रेस को शामिल करना चाहिए तो तेजस्वी ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है जिसकी मौजूदगी पूरे भारत में है और ऐसे में स्वभाविक है कि ‘भाजपा नीत एनडीए के खिलाफ किसी भी राष्ट्रीय गठबंधन का आधार कांग्रेस को होना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस का 200 से अधिक सीटों पर भाजपा से सीधा मुकाबला है, न कि क्षेत्रीय पार्टियों का. तेजस्वी ने कहा, ‘पिछले अनुभवों को देखते हुए, मेरा मानना है कि कांग्रेस को उन सीटों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जहां पर उसका सीधा मुकाबला भाजपा से है और बाकी बची सीटों पर खुले दिल और दिमाग से संबंधित क्षेत्रीय पार्टियों को अग्रणी भूमिका देनी चाहिए, जहां वे मजबूत हैं ताकि भाजपा को हराया जा सके.’


कांग्रेस की होगी अहम भूमिका


तेजस्वी का यह बयान इस मायने में अहम है कि कुछ दिन पहले ही पवार ने कहा था कि अगर कोई वैकल्पिक गठबंधन बनता है तो उसमें कांग्रेस को साथ लेना होगा. शिवसेना नेता संजय राउत ने भी शनिवार को कहा था कि सभी विपक्षी पार्टियों को राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ लाने के लिए काम हो रहा है और यह गठबंधन कांग्रेस के बिना अधूरा होगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा सत्तारूढ़ दल को सत्ता से हटाने के लिए मजबूत विकल्प देने के उद्देश्य से तैयार गठबंधन में कांग्रेस अहम भूमिका निभाएगी. एनसीपी प्रमुख पवार ने शुक्रवार को दावा किया था कि उनकी मेजबानी में आठ विपक्षी पार्टियों की बैठक में राष्ट्रीय गठबंधन पर चर्चा नहीं हुई, लेकिन साथ ही कहा कि अगर कोई गठबंधन सामने आता है तो उसका नेतृत्व ‘सामूहिक’ होगा.


चिराग विपक्ष के साथ आएं


तेजस्वी ने एलजेपी नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) से विपक्ष के साथ गठबंधन करने का आह्वान करते हुए कहा कि वह अपने पिता राम विलास पासवान की विरासत को आरएसएस विचारक एमएस गोलवलकर के विचारों के खिलाफ ‘अस्तित्व की लड़ाई’ में शामिल होकर ही आगे ले जा सकते हैं. चिराग एलजेपी की कमान के लिए अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ झगड़े को लेकर भाजपा की चुप्पी पर निराशा जता चुके हैं. इस पर तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद अपने पुराने सहयोगियों को ‘छोड़’ दिया. 


यह भी पढ़ें; Aadhaar से जुड़ेगा लैंड रिकॉर्ड, हर प्लॉट का होगा यूनिक आईडी नंबर; जानें सरकार का प्लान

राम विलास पासवान की जयंती मनाएगी RJD


तेजस्वी ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा राम विलास पासवान के साथ खड़ी है और उन्होंने उस वक्त को याद किया जब एलेजपी के पास एक भी विधायक नहीं था और पासवान 2009 में चुनाव हार गए थे तो लालू प्रसाद यादव ने ही उन्हें राष्ट्रीय जनता दल के कोटे से राज्य सभा भेजा था. उन्होंने पूछा कि क्या देश में किसी अन्य नेता या पार्टी के लिए कभी इतना कुछ किया या बलिदान दिया है. यादव ने कहा, ‘हमारी पार्टी ने दलित मसीहा राम विलास जी के राज्य को दिए योगदान को देखते हुए उनकी जयंती मनाने का फैसला किया है, मुझे लगता है कि यह अपने आप में सब बयां करने वाला है.’ 


राम विलास पासवान समाजवादी थे


चिराग से एनडीए छोड़ने के पिछले हफ्ते किए अपने अनुरोध के बारे में पूछने पर यादव ने कहा कि देश ऐसे मोड़ पर है जहां संविधान समर्थक, लोकतंत्र समर्थक, किसान समर्थक और जन समर्थक ताकतें एक तरफ हैं और इस विचारधारा के विरोधी दूसरी तरफ हैं. ‘दिवंगत राम विलास जी समाजवादी थे और उनका अपने पूरे जीवन में सामाजिक न्याय के विचार में गहरा विश्वास रहा. वह अपने राजनीतिक सफर के दौरान जाति वर्चस्ववाद, गरीबी और गैर बराबरी से लड़े. उन्हें असली श्रद्धांजलि उनके मूल्यों और विरासत को आगे ले जाकर ही होगी और यह तभी संभव है जब चिराग जी गोलवलकर के विचारों के खिलाफ अस्तित्व की इस लड़ाई में शामिल हो जाए,’


(INPUT: भाषा)


LIVE TV