9 अगस्त से शुरु हुए आरजेडी के सदस्यता अभियान की हवा निकल चुकी है. इस बात का खुलासा शुक्रवार को राबडी देवी के आवास पर बुलायी गयी बैठक में हुआ.
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पटना: 9 अगस्त से शुरु हुए आरजेडी के सदस्यता अभियान की हवा निकल चुकी है. इस बात का खुलासा शुक्रवार को राबडी देवी के आवास पर बुलायी गयी बैठक में हुआ. सदस्यता अभियान में न तो विधायक ही दिलचस्पी ले रहे हैं और न ही जिलाध्यक्ष. यही वजह रही कि जब पार्टी के नेताओं को सदस्यता अभियान की हकीकत बतायी गयी तो पार्टी के नेता आपस में ही उलझ गये. आरजेडी के सीएम कैंडिडेट इन वेटिंग की लगातार गैरमौजूदगी का असर अब पार्टी में दिखने लगा है. पार्टी के सदस्यता अभियान को लेकर न तो पार्टी के नेता दिलचस्पी ले रहे हैं और न ही विधायक.
शुक्रवार को सदस्यता अभियान की समीक्षा को लेकर राबडी देवी के आवास पर हुई बैठक में इसबात का खुलासा हुआ. और इस खुलासे के साथ ही पार्टी के नेता आपस में ही आरोप प्रत्यारोप के साथ एक दूसरे से उलझ गये. दरअसल शुक्रवार को सदस्यता अभियान की समीक्षा के लिए सभी विधायकों, विधान पार्षदों, जिलाध्यक्षों की मीटिंग राबडी देवी के आवास पर बुलायी गयी.
मीटिंग की अध्यक्षता राबडी देवी ने की. मीटिंग में 9 अगस्त से शुरु हुए सदस्यता अभियान की वास्तविक स्थिती पार्टी के नेताओं के सामने रखी गयी. संगठन चुनाव और सदस्यता अभियान की जिम्मेवारी संभाल रहे जगतानंद सिंह ने कहा कि पूरे बिहार मे केवल 4 ही जिले ऐसे हैं जहां सदस्यता अभियान की प्रगति है.
बांकी जिलों में सदस्यता अभियान को लेकर कोई रुची नेताओं में नहीं दिख रही. वहीं जगतानंद सिंह ने बताया कि 79 विधायकों में से केवल 17 विधायकों ने ही सदस्यता अभियान के लिए पार्टी ऑफिस से मेंबरशिप वाली पर्ची ली है. बाकी विधायक क्यों सुस्त पडे हैं. उन्हें ये बातें नही समझ आ रहीं.
जगतानंद सिंह के आरोपों को सुनते ही पूर्व मंत्री कांति सिंह आपे से बाहर हो गयीं. कांति सिंह ने पार्टी अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे पर पार्टी के सीनियर लीडरों की अनदेखी का आरोप लगाया. कांति सिंह ने कहा कि वो लगातार मेंबरशिप के लिए पर्ची की डिमांड कर रही हैं. लेकिन उन्हें पर्ची नहीं दी गयी. इतना ही नहीं कांति सिंह ने कहा कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया फिर भी वो चुप रहीं.
पार्टी में उन्हें अपमानित किया जा रहा है. पार्टी में सिर्फ चापलूसों की ही चलती है. मुझे शुक्रवार को होनेवाले मीटिंग तक की जानकारी नहीं दी गयी थी. इधर कांति सिंह के बयान का समर्थन पार्टी के सीनियर विधायक ललित यादव ने भी कर दिया. ललित यादव के समर्थन वाले बयान से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे नाराज हो गये.
रामचन्द्र पूर्वे ने ललित यादव पर अपमानित करने का आरोप लगा दिया.बाद में राबडी देवी ने बीच बचाव कर मामले को शांत किया. इधर मेंबरशिप अभियान को लेकर भाई वीरेन्द्र ने भी मोर्चा खोल दिया. भाई वीरेन्द्र ने पार्टी नेताओं पर फर्जी मेंबरशिप करने का आरोप लगाया. भाई वीरेन्द्र ने कहा कि मेंबरशिप के नाम पर पार्टी के नेता पार्टी के खाते में सिर्फ पैसे जमा कर देते हैं और फर्जी रशीद काट देते हैं.
जबकि हकीकत ये है कि जमीन पर कोई काम नहीं होता है. वहीं विधायक रामानुज ने तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी पर भी सवाल खडे किये . रामानुज ने कहा कि हम केन्द्र सरकार के धारा 370 खत्म करनेवाले अभियान का विरोध कर रहे हैं. लेकिन तेजस्वी वहां बैठे हैं जहां से धारा 370 खत्म हुआ.
तेजस्वी यादव को लोगों के बीच में रहना चाहिए था. इधर रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी जाति के आधार पर पार्टी में चल रही राजनीति पर सवाल भी खडे किये. रघुवंश प्रसाद सिंह ने जाति नहीं जमात की राजनीति करने की सलाह दी.