मनी लॉन्ड्रिंग केस: वाड्रा से दोबारा पूछताछ करना चाहती है ED, कहा-'जांच में नहीं दे रहे सहयोग'
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मनी लॉन्ड्रिंग केस: वाड्रा से दोबारा पूछताछ करना चाहती है ED, कहा-'जांच में नहीं दे रहे सहयोग'

इससे पहले 11 जनवरी को वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा को अदालत ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी.

ईडी ने अपने जवाब में कहा है कि वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे ऐसे में उन्हें हिरासत लेकर ईडी पूछताछ करना चाहती है.

नई दिल्ली : बेनामी संपत्ति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी रॉबर्ट वाड्रा की अग्रिम जमानत पर ईडी ने मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट में जवाब दाखिल किया. ईडी ने अपने जवाब में कहा है कि वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे ऐसे में उन्हें हिरासत लेकर ईडी पूछताछ करना चाहती है. ईडी के जवाब पर 25 मार्च को सुनवाई होगी तब तक रॉबर्ट वाड्रा की गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी.

दरअसल, ईडी इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा से 7 बार पूछताछ कर चुकी है. वाड्रा पर देश से बाहर बेनामी संपत्ति रखने का आरोप है. इससे पहले राजस्थान और हरियाणा में जमीन के कई सौदों को लेकर भी वे आरोपों के घेरे में रहे हैं.

इससे पहले 11 जनवरी को वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा को अदालत ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी. इससे पहले ईडी ने अदालत को बताया था कि आयकर विभाग की एक अन्य जांच में मनोज अरोड़ा का नाम सामने आने के बाद उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया गया. यह भी बताया था कि लंदन में रॉबर्ट वाड्रा द्वारा खरीदी गई संपत्ति में मनोज अरोड़ा की अहम भूमिका है और उन्होंने इस संपत्ति को खरीदने में वाड्रा की मदद की है.

दूसरी तरफ अग्रिम जमानत याचिका में मनोज अरोड़ा ने आरोप लगाया था कि विदेश में संपत्तियों की खरीद से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी उन पर उनके नियोक्ता रॉबर्ट वाड्रा को गलत तरीके से फंसाने का दबाव बना रही है. वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी में काम करने वाले अरोड़ा ने यह भी आरोप लगाया था कि पूछताछ के लिए उनकी पत्नी जांच एजेंसी के सामने पेश हुई थीं और ईडी अधिकारियों ने वाड्रा को फंसाने के लिए उन्हें धमकाया था. कहा था कि ऐसा नहीं किया तो उनके पति और परिवार का भविष्य खराब कर देंगे.

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