Rohith Vemula Case: दलित नहीं था रोहित वेमुला, बनवाया था फर्जी कास्ट सर्टिफिकेट; क्लोजर रिपोर्ट में खुलासा
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Rohith Vemula Case: दलित नहीं था रोहित वेमुला, बनवाया था फर्जी कास्ट सर्टिफिकेट; क्लोजर रिपोर्ट में खुलासा

Rohit Vemula Case Closure Report: हैदराबाद के रोहित वेमुला सुसाइड केस में 8 साल बाद बड़ा खुलासा हुआ है. पता चला है कि रोहित वेमुला दलित नहीं था और उसने फर्जी तरीके से इसका कास्ट सर्टिफिकेट बनवाया था. 

Rohith Vemula Case: दलित नहीं था रोहित वेमुला, बनवाया था फर्जी कास्ट सर्टिफिकेट; क्लोजर रिपोर्ट में खुलासा

Rohit Vemula Case in Hindi: आपको रोहित वेमुला का नाम तो याद ही होगा. वही रोहित वेमुला, जिसने 8 साल पहले हैदराबाद यूनिवर्सिटी में सुसाइड कर लिया था और उसके बाद देशभर में कई जगह प्रदर्शन हुए थे. कहा गया था कि दलित होने की वजह से रोहित वेमुला को परेशान किया गया, जिससे तंग आकर उसने आत्महत्या कर ली. अब उस मामले में तेलंगाना पुलिस ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रोहित वेमुला दलित था ही नहीं. इसके बावजूद उसने गलत तरीके से एससी सर्टिफिकेट बनवा रखा था और वह हर वक्त पकड़े जाने के डर में जीता रहता था. 

अनुसूचित जाति से नहीं था रोहित वेमुला

कोर्ट में पेश की गई हैदराबाद पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक रोहित वेमुला अनुसूचित जाति से नहीं था और उसका प्रमाणपत्र जाली था. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसे बेनकाब होने का डर था, इसलिए उसने आत्महत्या कर ली. 

तेलंगाना पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है, 'मृतक को खुद पता था कि वह अनुसूचित जाति से नहीं है और उसकी मां ने उसके लिए एससी प्रमाणपत्र बनवाया था. इस वजह से वह लगातार डर में हो सकता था क्योंकि क्योंकि उसे इसके उजागर होने का भय था. उसे लग रहा था कि अगर यह राज खुला तो उसकी वर्षों से अर्जित शैक्षणिक डिग्रियां खो जाएंगी और उसे पुलिस मुकदमे का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.'

मृतक को कई मुद्दे परेशान कर रहे थे

पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया, 'इसके साथ ही मृतक को कई और मुद्दे भी परेशान कर रहे थे, जिनसे वह संभावित रूप से सुसाइड करने के लिए मजबूर हो सकता था. हालांकि तमाम प्रयासों के बावजूद यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला कि मामले में नामजद किए गए आरोपियों ने रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया हो.' 

पुलिस की इस क्लोजर के बाद कोर्ट ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी के तत्कालीन वीसी अप्पा राव, सिकंदराबाद के सांसद और केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, एमएलसी एन रामचंदर राव और उस वक्त शिक्षा मंत्री रहीं स्मृति ईरानी को आरोप मुक्त कर दिया. रोहित वेमुला के परिजनों ने इस सुसाइड का जिम्मेदार इन चारों को ठहराकर उनके खिलाफ केस दर्ज करवाया था. 

पुलिस ने 21 मार्च को दायर की थी क्लोजर रिपोर्ट

सूत्रों के मुताबिक तेलंगाना पुलिस ने कोर्ट में यह क्लोजर रिपोर्ट 21 मार्च को दायर की थी, हालांकि यह अब सामने आई है. तेलंगाना की सभी 17 लोकसभा सीटों पर एक साथ 13 मई को चौथे चरण में वोटिंग होनी है. तेलंगाना में फिलहाल कांग्रेस की रेवंथ रेड्डी सरकार है. उससे पहले टीआरएस का राज्य में शासन था. 

दिलचस्प बात ये है कि रोहित वेमुला के सुसाइड के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी परिसर का दौरा कर मोदी सरकार पर निशाना साथा था. इसके बाद ओवैसी और AAP मुखिया अरविंद केजरीवाल भी इस मुद्दे को उठाने के लिए हैदराबाद पहुंचे थे. 

रोहित वेमुला ने 17 जनवरी 2016 को किया था सुसाइड

बताते चलें कि रोहित वेमुला ने 17 जनवरी 2016 को आत्महत्या कर ली थी. इस सुसाइड के बाद रोहित के परिवार ने आरोप लगाया था कि बीजेपी से जुड़े छात्र संगठन ABVP के कार्यकर्ताओं ने जाति के आधार पर उसे परेशान किया. जिसके बाद उसने तंग होकर आत्महत्या कर ली. 

अब पुलिस की ओर से क्लोजर रिपोर्ट लगाए जाने से वेमुला का परिवार भड़क गया है. रोहित वेमुला के भाई ने कहा कि यह जानने की कोशिश करने के बजाय कि उनके भाई को किसने सुसाइड के लिए मजबूर किया, पुलिस ने पूरी एनर्जी उनकी जाति की जांच करने में लगा दी. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हैदराबाद यूनिर्सिटी परिसर में फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. 

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