Nagpur Violence: औरंगजेब की कब्र को लेकर नागपुर में हिंसा भड़क गई. जिसमें आगजनी हुई और घरों में तोड़फोड़ की गई. इस बवाल के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि औरंगजेब आज के समय में प्रासंगिक नहीं है.
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Nagpur Violence: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. कब्र को लेकर शुरू हुई बहस के बाद नागपुर में हिंसा भड़क गई और उपद्रव मचाया गया. मामले के बाद ATS ने भी जांच शुरू कर दी है. इस विवाद को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बड़ा बयान दिया है. सुनील आंबेकर ने नागपुर हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि किसी भी तरह की हिंसा समाज के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
औरंगजेब आज प्रासंगिक नहीं हैं
इसके अलावा कहा कि किसी भी तरह की हिंसा समाज के स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है. साथ ही कहा कि मुझे लगता है कि पुलिस ने घटना का संज्ञान लिया है और विवरण पर गौर करेगी. जब उनसे सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले मुगल सम्राट की प्रासंगिकता के बारे में पूछा गया तो आंबेकर ने सवाल को खारिज करते हुए कहा, मुझे लगता है कि औरंगजेब आज प्रासंगिक नहीं हैं. उनकी यह प्रतिक्रिया खुल्ताबाद में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर दो समूहों के बीच हुई हिंसक झड़पों के कुछ दिनों बाद आई है.
नागपुर में भड़की थी हिंसा
हिंसा के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शहर के कई इलाकों में अफवाहों के बीच स्थिति बढ़ गई कि महल गेट के शिवाजी पुतला स्क्वायर में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल द्वारा आंदोलन के दौरान मुस्लिम समुदाय की एक पवित्र पुस्तक जला दी गई थी. विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर औरंगजेब के पुतले और एक धार्मिक चादर भी जलाई गई. इसके कारण दूसरे समुदाय से जवाबी कार्रवाई हुई, जिसमें लगभग 1,000 लोग बड़े पैमाने पर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी में शामिल थे, कई पुलिस कर्मियों को घायल कर दिया और कई वाहनों और घरों को नुकसान पहुंचाया.
सीएम ने दी है चेतावनी
बीएनएस के तहत 57 धाराओं के साथ गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में एक ही एफआईआर में 650 से अधिक दंगाइयों को मामला दर्ज किया गया था. मामले को लेकर पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने अल्पसंख्यक लोकतांत्रिक पार्टी के 51 कार्यकर्ताओं को भी अपराध में नामजद किया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी चेतावनी दी कि अगर राज्य में औरंगजेब का महिमामंडन करने का कोई प्रयास किया गया तो उनकी सरकार कार्रवाई करेगी. इससे पहले मंगलवार को गृह मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाले और नागपुर से ताल्लुक रखने वाले फडणवीस ने विधानसभा में कहा, "सुबह विरोध प्रदर्शन हुए और फिर शांति हो गई. लेकिन शाम को एक पूर्व नियोजित हमला हुआ जिसमें चुनिंदा घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया.
सम्मान करने की अपील की
पत्थरों की एक ट्रॉली मिली और हथियार भी बरामद किए गए, उन्होंने फिल्म छावा के बारे में बात की, जिसमें छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच संघर्ष को दर्शाया गया है. इस पर उन्होंने कहा कि मैं किसी फिल्म को दोष नहीं दे रहा, लेकिन इसने लोगों की भावनाओं को भड़का दिया है और औरंगजेब के खिलाफ उनका गुस्सा बाहर आ रहा है. मैं सभी से शांति बनाए रखने और धार्मिक स्थलों का सम्मान करने की अपील करता हूं.