नोएडा: आरएसएस चीफ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने एक बार फिर देश के बंटवारे का मुद्दा उठाया है. मोहन भागवत ने कहा कि देश का विभाजन न मिटने वाली वेदना है और यह तभी खत्म हो सकती है जब विभाजन खत्म किया जाए. RSS प्रमुख मोहन भागवत ने पुस्तक के लोकार्पण समारोह में कहा कि देश का बंटवारा कोई राजनीति का विषय नहीं है ये हमारे अस्तित्व का प्रश्न है. देश के विभाजन के लिए तात्कालीन परिस्थितियों से ज्यादा ब्रिटिश सरकार और इस्लामी आक्रमण जिम्मेदार थे.


'ये कोई राजनीति का विषय नहीं'


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

‘विभाजनकालीन भारत के साक्षी’ पुस्तक के लोकार्पण समारोह में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, 'सोचने का विषय है मेरा जन्म विभाजन के पश्चात हुआ ये भी मुझे 10 साल बाद समझ आया, उसके बाद मुझे नींद नहीं आई.' उन्होंने कहा, लोगों ने स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिए, उस मातृभूमि का विभाजन हुआ.' भागवत ने कहा, ये कोई राजनीति का विषय नहीं है ये हमारे अस्तित्व का प्रश्न है क्योंकि मेरा अस्तित्व भारत के अस्तित्व के साथ है. जो खंडित हुआ उसको फिर से अखंडित बनाना पड़ेगा. 


यह भी पढ़ें; राजनाथ ने खोला राज! बताया- PM मोदी ने CM योगी के कंधे पर हाथ रखकर क्या कहा था?


'संघर्ष समाप्त नहीं हुआ है' 


आरएसएस प्रमुख ने कहा, 'भारत के विभाजन में सबसे पहली बलि मानवता की हुई. एक बात तो साफ है कि विभाजन का उपाय सही नहीं था. विभाजन उस समय की वर्तमान परिस्थिति से ज्यादा इस्लाम और ब्रिटेन के आक्रमण का नतीजा है. इस्लाम के आक्रमण पर गुरु नानक जी ने सावधान किया था. उन्होंने साफ कह दिया था ये आक्रमण हिंदुस्तान और हिन्दू समाज पर है. जिस दिन से आक्रमणकारी का पहला कदम अंदर आया उसके बाद संघर्ष शुरू हुआ. ये संघर्ष समाप्त नहीं हुआ है क्योंकि भारत में नारे लगते हैं 'भारत तेरे टुकड़े होंगे.' 


LIVE TV