नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने सोमवार को कहा कि भारत (India) और चीन (China) के रिश्ते दोनों देशों तथा दुनिया के लिए 'काफी अहम' हैं, इसलिए दोनों पक्षों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे किसी 'समझ या संतुलन' पर पहुंचे.


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अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच (US-India Strategic Partnership Forum, USISPF) के संवाद सत्र में जयशंकर ने कहा कि दुनिया के हर देश की तरह ही भारत भी चीन के उन्नति से परिचित है लेकिन भारत की तरक्की भी एक वैश्विक गाथा है.


विदेश मंत्री डिजिटल कार्यक्रम में चीन के उभार, भारत पर उसके असर के साथ-साथ दोनों देशों के रिश्तों पर पड़े प्रभाव से संबंधित सवालों के जवाब दे रहे थे.


पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच चार महीने से चल रहे सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में जयशंकर की यह टिप्पणी आई है. इस विवाद का असर व्यापार और निवेश समेत सभी रिश्तों पर पड़ा है.


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उन्होंने अपनी किताब का हवाला देते हुए कहा, 'दुनिया के अन्य देशों की तरह, हम भी चीन की उन्नति से परिचित हैं. हम चीन के पड़ोसी हैं. जाहिर है कि अगर आप पड़ोसी हैं तो आप उस उभार से सीधे प्रभावित होंगे जो मैंने अपनी किताब में कहा है.'


उन्होंने अपनी किताब 'द इंडिया वेः स्ट्रेटेजीज फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड' का जिक्र किया. इस किताब का अभी विमोचन नहीं हुआ है.


विदेश मंत्री ने कहा कि भारत भी आगे बढ़ रहा है लेकिन उसकी रफ्तार चीन जितनी नहीं है. उन्होंने कहा, 'लेकिन, अगर आप बीते 30 साल देखें तो, भारत की उन्नति भी वैश्विक कहानी है. अगर आपके पास दो देश हैं, दो समाज हैं जिनकी आबादी अरबों में हैं, इतिहास है, संस्कृति है, तो यह अहम है कि उनके बीच किसी तरह की समझ या संतुलन बने.'


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