सामना में चंद्रकांत पाटील को भाजपा का दादामियां बताया गया है और कहा गया है कि अब वो भी फडणवीस के नक्शे कदम पर चलने लगे हैं.
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मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) अपने मुखपत्र सामना (Saamana) के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधने का मौका नहीं छोड़ती. 25 साल तक एक साथ काम करने के बाद शिवसेना ने भाजपा (BJP) से नाता तोड़ कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया. अब पार्टी अपने मुखपत्र सामना में संपदकीय के जरिए लगातार मोदी सरकार और उसके काम काज पर सवाल खड़े करती नजर आती है.
सोमवार को भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि महाराष्ट्र में BJP के बर्ताव और बातों का कोई मतलब नहीं बचा है. देवेंद्र फडणवीस और चंद्रकांत पाटील से लेकर राज्य के भाजपा नेता फिलहाल जो कहते हैं और जो करते हैं उसमें उनकी विफलता ही नजर आती है. सामना में चंद्रकांत पाटील को भाजपा का दादामियां बताया गया है और कहा गया है कि अब वो भी फडणवीस के नक्शे कदम पर चलने लगे हैं.
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दरअसल, चंद्रकांत पाटील हाल ही में औरंगाबाद गए थे. वहां एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से मांग की थी कि औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर रखा जाए. इसी पर चुटकी लेते हुए सामना में लिखा गया है कि पाटील ने संभाजीनगर में जाकर ऐसी हवा फैलाई है कि छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के वंशज हैं औरंगजेब के नहीं इसलिए औरंगाबाद का नामकरण होना ही चाहिए.
सामना ने लिखा कि पाटील को यह बताने की जरूरत नहीं है कि महाराष्ट्र में कोई भी औरंगजेब का वंशज नहीं है. यहां औरंगजेब हमेशा के लिए दफना दिया गया है. भाजपा अब औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने की मांग कर रही है. लेकिन इससे पहले महाराष्ट्र में 5 वर्षों तक उनकी अपनी सरकार थी तब उन्होंने नामकरण क्यों नहीं किया?
शिवसेना ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है. संपादकीय में लिखा गया है कि उत्तर प्रदेश (Utter Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया. अन्य जगहों के नाम भी बदले गए. उन्हें किसी ने नहीं रोका फिर सिर्फ फडणवीस को औरंगाबाद का संभाजीनगर करने के लिए किसकी अनुमति चाहिए थी.
शिवसेना ने अपनी और भाजपा की दोस्ती को याद करते हुए "मित्रवर्य" शब्द का इस्तेमाल किया है. शिवसेना ने आरोप लगाया कि कि भाजपा हिंदुत्व और राष्ट्रवाद शब्द का इस्तेमाल सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए कर रही है. भाजपा ने ना मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज के भव्य स्मारक की एक ईंट रखी न ही वीर सावरकर को भारत रत्न दिया गया. अयोध्या में भी श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है तो सर्वोच्च न्यायालय की कृपा से.
शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रवाद कभी नहीं हारेगा. हम सभी छत्रपति शिवाजी महाराज छत्रपति संभाजी राजे और हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के वंशज हैं. विपक्ष का काम सिर्फ बकवास करना और उटपटांग बोलना है क्या? महाराष्ट्र में शांति चाहिए दादामियां जैसे लोग महाराष्ट्र की शांति को भंग नहीं कर सकते.
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