शिवसेना का PM मोदी पर निशाना, सामना में लिखा- हर बात के लिए नेहरू को दोष देना गलत
Advertisement

शिवसेना का PM मोदी पर निशाना, सामना में लिखा- हर बात के लिए नेहरू को दोष देना गलत

गलवान घाटी में क्या हुआ? चीन की सीमा पर क्या हो रहा है? यह अभी तक जनता को नहीं बताया गया है.

प्रतीकात्मक फोटो

मुंबई: चीन के साथ चल रहे मौजूदा सीमा विवाद को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. एक तरफ जहां देश को एकजुट रहने की जरूरत है, वहीं इसकी आड़ में केंद्र की मोदी सरकार को घेरने की शुरुआत भी हो चुकी है. विपक्षी पार्टियों में से सबसे पहले मोदी सरकार के खिलाफ शिवसेना (Shivsena) ने बिगुल बजाया है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए मांग की है कि सरकार भारत-चीन सीमा के वास्तविक हालात की सही जानकारी देश को दे.

सामना की संपादकीय में लिखा गया, 'गलवान घाटी में क्या हुआ? चीन की सीमा पर क्या हो रहा है? यह अभी तक जनता को नहीं बताया गया है.' इसके अलावा चीन की विस्तारवादी नीति की आलोचना करते हुए सामना पीएम मोदी को भी सॉफ्ट टारगेट बनाता दिख रहा है.

सामना में लिखा है कि ‘गड़बड़ सीमा पर नहीं, बल्कि दिल्ली में है. दिल्ली की सरकार नामर्द है इसीलिए सीमा पर दुश्मन आंख दिखा रहा है.’ 6 साल पहले जोर लगाकर ऐसा बोलने वाले नरेंद्र मोदी आज दिल्ली के सर्वसत्ताधीश हैं इसीलिए आज जो हुआ है, उसका प्रतिकार पीएम मोदी को ही करना होगा. चीन के राष्ट्रपति अहमदाबाद आकर प्रधानमंत्री मोदी के साथ झूले पर बैठकर ढोकला खाते हैं. उसी समय हमने यह चेतावनी दी थी कि लाल चीनी बंदरों पर विश्वास मत करो. जैसे पंडित नेहरू के साथ विश्वासघात किया गया, वैसे ही तुम्हारे साथ भी होगा.’ दुर्भाग्य से ऐसा हो चुका है, अब प्रतिकार नहीं हुआ तो पीएम मोदी की छवि को इससे धक्का लगेगा. 

ये वीडियो भी देखें-

शिवसेना ने सारे मुद्दों के राजनीतिक इस्तेमाल को लेकर भी पीएम मोदी पर तंज कसते हुए लिखा, 'चीन से आज जो संघर्ष शुरू हुआ है, उसका कारण पंडित नेहरू की असफल विदेश नीति है, ऐसा बोलकर सार्वजनिक सभाओं में तालियां मिल जाएंगी लेकिन आज जवानों का जो बलिदान शुरू हो चुका है, उसे रोकने की जिम्मेदारी मोदी सरकार की है. पाकिस्तान को धमकी देना, चेतावनी देना, सर्जिकल स्ट्राइक करके राजनीतिक माहौल बनाना आसान है क्योंकि पाकिस्तान देश नहीं बल्कि एक टोली मात्र है. लेकिन चीन के मामले में ऐसा नहीं है.' 

कुल मिलाकर शिवसेना ऐसा माहौल बना रही है, जिससे भारत के एक साथ चीन, पाकिस्तान और नेपाल से खराब संबंधों का दोष केंद्र की असफल विदेश नीति को दिया जाए. 

ये भी पढ़ें- लद्दाख विवाद: चीन को आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए भारत ने लिया यह फैसला

सामना की संपादकीय में आगे लिखा गया, 'मोदी के प्रधानमंत्री बनने से देश अधिक मजबूत, गंभीर और लड़ाकू तेवर का हुआ है, ऐसा दावा 6 वर्षों में कई बार किया गया लेकिन इस दौरान पाकिस्तान, नेपाल और अब चीन ने हिंदुस्तान पर सीधे-सीधे हमला किया है. हिंदुस्तान की सीमा से सटे किसी भी देश से हमारे अच्छे संबंध नहीं हैं और हमारे सत्ताधीश दुनिया जीतने निकले हैं, इस पर आश्चर्य होता है. नेपाल ने हिंदुस्तान का नक्शा कुतरा है.'

Trending news