उन्होंने खुले तौर पर कहा कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में हैं, क्योंकि 30 से ज्यादा कांग्रेसी विधायक और कुछ निर्दलीय विधायकों का उन्हें समर्थन प्राप्त है.
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जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में जारी अंदरूनी कलह के बीच उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने बगावती तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. उन्होंने सोमवार को प्रस्तावित पार्टी की बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है. उन्होंने खुले तौर पर कहा कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में हैं, क्योंकि 30 से ज्यादा कांग्रेसी विधायक और कुछ निर्दलीय विधायकों का उन्हें समर्थन प्राप्त है. एक आधिकारिक बयान में पायलट ने कहा, "मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है, क्योंकि 30 से ज्यादा कांग्रेसी विधायकों और कुछ निर्दलीय विधायकों ने मुझे समर्थन दिया है."
15 विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाले उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान से समय मांगा है.
पायलट ने अपने पूर्व पार्टी सहयोगी और दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी चर्चा की है. सिंधिया ने मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा साइडलाइन किए जाने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया था. पायलट कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने दिल्ली आए थे. हालांकि पार्टी आलाकमान की ओर से उन्हें कोई सूचना नहीं मिली.
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जयपुर पहुंचे सोनिया के प्रतिनिधि
कांग्रेस की तरफ से रणदीप सुरजेवाला, अविनाश पांडे और अजय पांडे जयपुर पहुंच गए हैं. तीनों नेता सोमवार को जयपुर में होने जा रही पार्टी विधायकों की बैठक में हिस्सा लेंगे.
उधर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार रात कहा कि भाजपा को बिना किसी कारण के खुश होने की जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधायकों की बैठक में शामिल होने के लिए जयपुर पहुंचे सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस सरकार राज्य में पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी.