सहारनपुर: पिछले 3 दिनों से सहारनपुर जिले के बेहट में हैंडपंप विवाद गर्माता जा रहा है. आखिर इसकी वजह क्या है? पीछे की सच्चाई क्या है? और क्यों हैंडपंप के पास की दुकान के मालिक पंडित आचार्य मुरारी इलाके से पलायन की बात कर रहे हैं? इन तमाम बातों को जानने के लिए जी मीडिया की टीम बेहट के ग्राउंड जीरो पर पहुंची और पूरे मामले की तहकीकात की. 


क्या है मामला?


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दरअसल, बेहट मनिहारन मोहल्ले में मौजूद पंडित आचार्य मुरारी की दुकान के बिल्कुल बाहर हैंडपंप लगा था. करीब तीन दशक पहले कुछ लोगों ने यहां हैंडपंप अपने पैसों से लगवाया, लेकिन बाद में सरकारी हैंडपंप लगा दिया गया. करीब 4 साल पहले आचार्य पंडित मुरारी ने इस दुकान को खरीदा और यहां कारोबार करने की कोशिश की. पंडित मुरारी का कहना है, कि हैंडपंप की वजह से वह अपनी दुकान पर स्लैब नहीं डलवा पा रहे थे. हैंडपंप की वजह से उनकी दुकान के बाहर लोगों की भीड़ इकट्ठी रहती थी, जिससे आने जाने वाले लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता था.


राजनीतिक रंग देने की कोशिश


पंडित मुरारी का कहना है कि उन्होंने इस हैंडपंप को हटवाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाया और प्रशासन को लिखकर दिया कि दुकान के सामने से हैंडपंप हटाया जाए. जिस पर कार्रवाई करते हुए यह हैंडपंप हटाया गया लेकिन कुछ लोग इस मामले को तूल दे रहे हैं. पंडित मुरारी का आरोप है कि क्योंकि वह इस इलाके में अल्पसंख्यक हैं, यानी मुस्लिम आबादी ज्यादा है इसलिए उनको धमकाया जा रहा है. जबकि पहले भी बेहट की अलग-अलग गलियों से हैंडपंप दुकानों के बाहर से हटाए गए हैं, क्योंकि उनसे दुकानदारों को परेशानी होती रही है. 


डरी हुई हैं पंडित मुरारी की मां


पिछले 3 दिनों से चले आ रहे इस विवाद में राजनीति जमकर हो रही है, क्योंकि 3 दिनों पहले ही कांग्रेस के दो विधायक नरेश सैनी और मसूद अख्तर हैंडपंप हटाने के विरोध में धरने पर बैठ गए. उसके बाद बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने हैंडपंप हटवाने के समर्थन में धरना दिया और प्रशासन को आगाह किया कि अब दोबारा यहां हैंडपंप ना लगाया जाए. विवाद लगातार बढ़ रहा है और आचार्य पंडित मुरारी की मां अब डरी हुई हैं. वह ज़ी मीडिया से कहती हैं कि अपने बेटे को लेकर वहां से चली जाएंगी क्योंकि उनके परिवार को लगातार कुछ लोग धमकी दे रहे हैं. साथ ही साथ वह बेहट नगर पालिका चेयरमैन पर भी सीधा आरोप लगाती हैं.


इसी हैंडपंप पर विवाद क्यों?


दरअसल बेहट की गली मोहल्लों में बड़ी तादाद में सरकारी हैंडपंप लगे हुए हैं, पिछले कुछ दिनों में उनको हटाया भी गया. हालांकि उन तमाम हैंडपंप को हटाने को लेकर विरोध नहीं हुआ लेकिन जैसे ही मनिहारान मोहल्ले में पंडित आचार्य मुरारी ने अपनी दुकान के बाहर के हैंडपंप को प्रशासन से हटवाया तो विवाद खड़ा हो गया. हालांकि ज़ी मीडिया की टीम ने देखा कि जहां से हैंडपंप हटाया गया है उसके करीब 10 से 15 मीटर की दूरी पर दूसरा हैंडपंप लगा हुआ है, ऐसे में यह विवाद किसी भी लिहाज से सही नहीं लगता.


क्या कहना है स्थानीय लोगों का


एक तरफ पंडित जी और उनका परिवार कह रहा है कि वह बेहट में अल्पसंख्यक हैं इसलिए उनको दबाया जा रहा है और वो यहां से पलायन कर जाएंगे. इसके उलट पंडित जी के पड़ोसी दुकानदार लोकेश और विक्रम बजाज अलग बात कहते हैं, लोकेश और विक्रम बजाज बताते हैं कि इस नल से इलाके के लोगों को राहत थी और अब हटने से पानी पीने के लिए लोगों को दिक्कतें पैदा हुई हैं. स्थानीय दुकानदार प्रशासन से गुहार लगाते हैं कि नल को दोबारा से लगाया जाए. 


जमकर हो रही राजनीति


इस पूरे विवाद में राजनीति भी जमकर हो रही है क्योंकि इलाके की आबादी ज्यादातर मुस्लिम है हालांकि बाजार में हिंदू और मुस्लिम दोनों व्यापारियों की दुकान है. बेहट में मुस्लिम आबादी ज्यादा होने की वजह से लोकल विधायक इसमें कूद पड़े हैं. विधायकों ने 2 दिन पहले भी धरना दिया, उसके बाद आज भी मौके पर जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने पहले ही उन्हें हिरासत में ले लिया और सहारनपुर पुलिस लाइन ले गई. काफी देर तक हंगामा चलता रहा. कांग्रेस के नेता इमरान मसूद समेत कई दूसरे नेता भी मौके पर पहुंचे और प्रशासन पर तानाशाही रवैये का आरोप लगाया. बाद में निजी मुचलके पर कोर्ट ने विधायकों को छोड़ दिया गया.


व्यापारी परेशान


हैंडपंप से शुरू हुए इस विवाद के राजनीतिक रंग लेने के बाद बेहट के मनिहारान बाजार के वह व्यापारी परेशान हो गए हैं, जिनकी दुकानें आज ही अनलॉक होने की वजह से करीब 1 महीने बाद खुलीं. इन व्यापारियों का कहना है कि इस विवाद को बिल्कुल बढ़ने न दिया जाए क्योंकि पहले ही व्यापारी वर्ग बड़ा नुकसान झेल चुका है और अगर उनके इलाके में फिर से तनाव होता है तो और ज्यादा परेशानी उन लोगों की बढ़ जाएगी. हालांकि मौके पर पुलिस बल तैनात है.


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कांग्रेस विधायक हिरासत में


मामला तब और गर्मा गया जब हैंडपंप लगवाने की मांग को लेकर सहारनपुर जनपद के थाना बेहट क्षेत्र में जा रहे हैं कांग्रेस विधायक नरेश सैनी और मसूद अख्तर को हिरासत में ले लिया गया. इन दोनों विधायकों को उस समय हिरासत में लिया गया जब दोनों विधायकों को बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने रोका तो इन दोनों विधायकों ने हाईवे पर ही बैठ कर धरना देने का प्रयास किया. जिसके बाद दोनों विधायकों को सहारनपुर पुलिस लाइन भेज दिया गया. जहां दोनों विधायकों को निजी मुचलको पर रिहा कर दिया गया. यह अलग बात है कि इन दोनों विधायकों को छुड़ाने के लिए खुद कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद को पुलिस लाइन जाना पड़ा.


क्या कहना है पुलिस का


वहीं एसपी सिटी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि कि दोनों विधायक एक विवाद के चलते बेहट जा रहे थे जहां पर उन्हें माहौल बिगड़ने की आशंका से रोका गया. दोनों विधायकों को गिरफ्तार कर यहां पुलिस लाइन लाया गया. उन्होंने बताया कि दोनों विधायकों को फिलहाल निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया है उन्होंने बताया कि थाना क्षेत्र के मनिहारान में एक सरकारी हैंड पंप को उखड़वाने के विरोध में और दोबारा लगाने की मांग को लेकर यह कांग्रेस के विधायक पहले धरना दे चुके थे, जिसके बाद दूसरा पक्ष भी सक्रिय हो गया था जिसके चलते अब वहां पर भारी फोर्स पर लगा दिया गया है. उन्होंने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है.


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